इस्लामी संस्था में पढाई के दौरान हुआ था यौन उत्पीडन – अस्कर अली
केरल में कोल्लम पुलिस ने एक समूह के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है। जब 24 वर्षीय एक युवक ने इस्लाम को त्यागने के बाद शिकायत दर्ज की थी कि उस पर हमला किया गया था और ऐसा करने के लिए समुदाय के भीतर से धमकियां भी दी गई थी।
दरअसल कोल्लम पुलिस ने रविवार को मलप्पुरम के रहने वाले अस्कर अली की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया। अली ने मलप्पुरम में एक प्रमुख रिलिजियस एकेडमी से 12 साल का हुदावी धार्मिक कार्यक्रम पूरा किया है। इस्लामिक शिक्षा पर छात्र के रूप में अपने अनुभव पर एक भाषण देने के लिए रविवार को वह कोल्लम में था। उन्हें एसेंस ग्लोबल की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलना था, जो साइंटिफिक नेचर, मानवतावाद और समाज में सुधार की भावना को बढ़ावा देने वाली संस्था है।
Jihadi attack on Askar Ali Hudavi, Once an Islamic scholar, Now an Ex Muslim
Jihadis from Malappuram came all the way to Kollam to stop him from attending a conference run by essense global
He was rescued for now by timely intervention of public who alerted police pic.twitter.com/3tlChbhLaZ
— HKupdate (@HKupdate) May 2, 2022
अस्कर अली की शिकायत के अनुसार, मलप्पुरम के लोगों के एक समूह ने यह सुनिश्चित करने के लिए उसका अपहरण करने की कोशिश की कि वह कार्यक्रम को संबोधित न करे। अली ने बताया कि, वे लोग मुझे कोल्लम समुद्र तट पर ले गए, जहां मेरे साथ मारपीट की गई। उन्होंने मेरा मोबाइल फोन तोड दिया और मेरे कपड़े फाड दिए। वे मुझे जबरन एक गाड़ी में ले गए और मुझे अंदर बंद करने की कोशिश की। जब स्थानीय लोगों ने शोर मचाया तो पुलिस ने मुझे बचा लिया।
एसेंस ग्लोबल के अनुसार, अली ने पुलिस की मौजूदगी में अपना संबोधन दिया। एक वीडियो में अली ने इस्लामिक स्टडी के एक छात्र के रूप में अपने अनुभव, अपनी पढाई के दौरान यौन उत्पीडन और “मानवता के मार्ग” की ओर अपनी यात्रा के बारे में बात की। इस बीच, 30 अप्रैल को अली के परिवार ने मलप्पुरम में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। सोमवार की रात, मलप्पुरम पुलिस ने अली को एक स्थानीय मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया, जिसने उसे उसकी इच्छा के अनुसार जीने की अनुमति दी। अली के अनुसार, अपने धर्म को त्यागने का उनका निर्णय उनके परिवार के साथ अच्छा नहीं रहा है। अली अपने परिवार के साथ नहीं जाना चाहता था और कोर्ट ने उसे उसकी इच्छा के अनुसार जीने की अनुमती दी।
स्रोत : एबीपी लाइव