प. बंगाल : SHO अश्विनी की हत्या के लिए मस्जिद से जुटाई गई थी भीड, बेटी की CBI जांच की मांग

बिहार के किशनगंज जिला के नगर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की शनिवार (अप्रैल 10, 2021) को पश्चिम बंगाल में हत्या के मामले में उनकी बेटी ने इसे षड़यंत्र करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं उनकी पत्नी ने सर्किल इंस्पेक्टर पर केस दर्ज करने की मांग की है।

मामले में किशनगंज के एसडीपीओ जावेद अंसारी ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि SHO की हत्या करने वाले भीड़ को वहाँ की एक मस्जिद से बकायदा अनाउंस करके जुटाया गया था। एसडीपीओ के मुताबिक दो लोगों ने हल्ला कर पहले लोगों को बुलाया और फिर देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। एसडीपीओ ने कहा कि थानाध्यक्ष की हत्या करने के मामले में मस्जिद से ऐलान कर लोगों को इकट्ठा किया गया था कि चोर आ गए हैं, डाकू आ गए हैं जिसके बाद भीड़ ने थानेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

रविवार (अप्रैल 11, 2021) को किशनगंज थाना प्रभारी अश्विनी कुमार और उनकी मां उर्मिला देवी का पूर्णिया जिले में उनके पैतृक गाँव में अंतिम संस्कार किया गया। रविवार को सुबह ही अश्विनी कुमार की 75 वर्षीया मां उर्मिला देवी ने बेटे का शव देखते ही दम तोड़ दिया था। इसके बाद दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान शहीद अश्विनी अमर रहे के नारे से पूरा इलाका गूँज उठा।

मीडिया से बात करते हुए, अश्विनी कुमार की बेटी नैंसी ने अपने पिता की निर्मम हत्या के पीछे साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने ऑपरेशन के दौरान अपने पिता के साथ अन्य अधिकारियों की भूमिका पर आशंका जताई। उसने सवाल किया कि जब उनके पिता को मार डाला गया, तो बाकी लोग सुरक्षित वापस कैसे आ गए। उन्हें एक खरोंच भी नहीं आई। नैंसी ने सीबीआई जांच की मांग की है।

नैंसी ने रोते हुए कहा, “यह एक साजिश है और मैं सीबीआई जांच की मांग करती हूँ। उन्होंने बंदूकें होने के बावजूद मेरे पिता को अकेला छोड़ दिया। न केवल सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार, बल्कि भागने वाले सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। मेरे पिता की मृत्यु के बाद मेरी दादी भी सदमे से मर गईं।”

अश्विनी कुमार की पत्नी मीनू स्नेहलता ने किशनगंज के सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। पुलिस को दिए आवेदन में उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके पति की निर्मम हत्या में मनीष कुमार का हाथ है। छापेमारी के दौरान मनीष कुमार ने जो लापरवाही और कर्तव्यहीनता दिखाई, उसे पुलिस प्रशासन ने भी माना और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इसने साबित कर दिया कि इस हत्याकांड में मनीष कुमार निश्चित रूप से संदेह के घेरे में है। मीनू ने मनीष को अपनी सास की हत्या के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से मनीष कुमार को जिम्मेदार ठहराया है।

अश्विनी कुमार के स्वजनों को पूर्णिया प्रक्षेत्र के सभी पुलिसकर्मियों ने एक दिन का वेतन (करीब 50 लाख रुपए) और आईजी ने 10 लाख देने की घोषणा की। वहीं मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने की बात कही। इसके साथ ही अनुकंपा पर घर के एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी घोषणा की गई है। अश्विनी की बड़ी बेटी जहाँ बदहवास स्वजनों को सँभालने की कोशिश कर रही थी वहीं उनकी सबसे छोटी बेटी और बेटा सबसे बार- बार यही पूछ रहे थे कि पापा उठ क्यों नहीं रहे। बता दें कि इस मातम की वजह से गाँव में किसी के भी घर में दो दिनों तक चूल्हा नहीं जला।

संदर्भ : OpIndia


बंगाल में अपराधी को पकड़ने गई थी बिहार पुलिस, भीड ने SHO को घेरा और पीट पीटकर मार डाला

April 10, 2021

पश्चिम बंगाल में छापा मारने गए बिहार के किशनगंज थानाध्यक्ष की पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार को पता चला था कि अपराधियों का कनेक्‍शन सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के क्षेत्र से जुड़ा है।

इसके बाद उन्‍होंने पश्चिम बंगाल के उत्‍तरी दिनाजपुर जिले के पांजीपाड़ा थाने को सूचना देने के बाद वहाँ छापेमारी शुरू की। इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई है। आरोप है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सूचना के बावजूद बिहार पुलिस की टीम को कोई सहयोग नहीं किया।

घटना के बाद से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही वरीय पुलिस अधिकारी पूर्णिया आईजी सुरेश चौधरी और एसपी कुमार आशुतोष मौके पर पहुँचे। आईजी सुरेश चौधरी ने बताया कि चोरी के एक मामले में पुलिस छापेमारी करने सीमावर्ती पांजीपड़ा (पश्चिम बंगाल) गई थी। उन्‍होंने बताया कि भीड़ द्वारा घेरकर थानाध्यक्ष की हत्या कर दी गई।

बताया जा रहा है कि किशनगंज के थानेदार की हत्‍या शनिवार (9 अप्रैल 2021) की सुबह करीब 4 बजे की गई थी। छापेमारी करने गई टीम पर भीड़ ने अचानक हमला बोल दिया। इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी तो बच निकले, लेकिन अंधेरे में थानाध्यक्ष अश्विनी अपराधियों के हाथ लग गए। अपराधियों ने पीट-पीटकर उनकी हत्‍या कर दी। उनके शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए पश्‍चि‍म बंगाल के ही इस्लामपुर ले जाया गया है।

इस मामले को लेकर भाजपा के पाटलिपुत्र सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने पश्चिम बंगाल सरकार और वहाँ के प्रशासन पर हमला बोला है। उन्‍होंने कहा है कि यह घटना बंगाल में कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति को उजागर करने के लिए काफी है। वहाँ पूरी तरह से गुंडों का राज है।

संदर्भ : OpIndia

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