पश्चिम बंगाल : १०वीं के टेस्ट में पूछा, ‘श्री राम का नारा किस तरह समाज में खलल डाल रहा है और उसके क्या दुष्प्रभाव हैं ?

पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूल की १०वीं कक्षा के एक टेस्ट में २ ऐसे सवाल पूछे गए जिन पर बवाल हो रहा है। जिसमें पहला सवाल था “जय श्री राम का नारा किस तरह समाज में खलल डाल रहा है और उसके क्या दुष्प्रभाव हैं ? वहीं, दूसरा सवाल था कट मनी लौटाने से लोगों को क्या फायदा होगा ? ये मामला कोलकाता से ५५ किमी हुगली जिले के अकना यूनियन हाई स्कूल का है। जहां ये सवाल बंगाली पेपर में पूछे गए थे।

१०वीं कक्षा का यह टेस्ट ५ अगस्त को हुआ था। इसमें छात्रों से कहा गया था कि वे दोनों में से किसी एक टॉपिक पर  ‘अखबार के लिए एक रिपोर्ट’ लिखें। ये विषय थे। ‘जय श्री राम का जप करने वाले समाज पर हानिकारक प्रभाव’ या ‘सरकार के साहसिक कदम’ कटे हुए पैसे को वापस करके भ्रष्टाचार को रोकना।’

वहीं, स्कूल के प्रभारी शिक्षक रोहित कुमार पायने ने कहा गुरुवार को १०वीं कक्षा के छात्रों के लिए जब टेस्ट चल रहा था, तो स्कूल के अधिकारियों ने इन सवालों पर गौर किया।

परीक्षा दोपहर २ बजे शुरू हुई और ३.४५ बजे समाप्त होने वाली थी। जब हमें इसके बारे में पता चला, तो केवल पांच मिनट बचे थे। कई छात्रों ने पहले ही उत्तर लिख दिए थे। जिसके बाद हमने इन २ सवालों को रद्द कर दिया गया था। इसी के साथ फैसला किया कि सभी छात्रों को औसत अंक दिए जाएंगे। इनमें वो छात्र भी शामिल होंगे जिन्होंने उत्तर नहीं लिखा था।

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार छात्रों को १५० शब्दों में प्रश्न का उत्तर देने के लिए कहा गया था। वहीं, शिक्षक रोहित ने स्वीकार किया कि दोनों प्रश्नों का चयन करना एक गलत निर्णय था। इन सवालों का चयन बांग्ला भाषा के शिक्षक सुभाशीष घोष ने किया था। उन्होंने बताया कि मुझे १०वीं के छात्रों के लिए चुने गए सवालों की जानकारी नहीं थी। वहीं, संपर्क करने पर घोष ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, लेकिन इस मामले को लेकर राजनीतिक बवाल मच गया है।

स्कूल तृणमूल बहुल अकना ग्राम पंचायत में स्थित है। पंचायत के उप-प्रधान निर्मल घोष ने कहा कि स्कूली बच्चों को इस तरह के सवालों का जवाब देने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए था। हुगली में भाजपा के संगठनात्मक अध्यक्ष सुबीर नाग ने कहा कि यह कोई गलती नहीं थी। दो प्रश्नों को जान-बूझकर चुना गया था। स्कूल में शिक्षकों का एक वर्ग सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम कर रहा है। यह छात्रों को राजनीतिक रूप से विभाजित कर रहा है।

यह अस्वीकार्य है। हम इस मुद्दे पर स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से चर्चा करेंगे। वहीं, सुभाशीष घोष के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर स्कूल के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने गुरुवार को संस्थान के सामने प्रदर्शन किया।

स्त्रोत : आज तक

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