संपूर्ण विश्‍व में सनातन संस्था जैसे अध्यात्म विश्‍वविद्यालय की आवश्यकता है ! – वृंदावन आचार्य नित्यानंद गिरी महाराज

प्रयागराज के कुंभक्षेत्र में लगाई गई सनातन की धर्मशिक्षा एवं राष्ट्र-धर्मरक्षा प्रदर्शनी का विविध संतों द्वारा अवलोकन !

साध्वी हरिप्रियाजी महाराज तथा आचार्य नित्यानंद गिरी महारा को ग्रंथप्रदर्शनी की जानकारी देते हुए (बाईं ओर) श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी

प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : आज मनुष्य भारतीय संस्कृति में बताए गए पारंपरिक खान-पान, वस्त्रप्रावरण, मर्यादाआें का पालन करना, बोलना जैसी अनेक पद्धतियों को भूल रहा है । सनातन संस्था की ओर से इन पारंपरिक बातों का पुनर्जागरण किया जा रहा है, जिसे हम अद्वितीय प्रयास कह सकते हैं । इसमें समय लगेगा; परंतु निश्‍चितरूप से सफलता मिलेगी । संपूर्ण विश्‍व में सनातन संस्था जैसे अध्यात्म विश्‍वविद्यालय की आवश्यकता है; क्योंकि आज विश्‍व बम, बारूद और क्षेपणास्त्रों की कगार पर खडा है । आज शांति की ओर कोई अग्रसर नहीं है, अपितु सर्वत्र उत्पात के प्रयास किए जा रहे हैं । ऐसी स्थिति में द्वेष, मत्सर तथा पूर्वग्रह जैसे दोषों से पीडित लोगों के लिए सनातन संस्था आधार है । वृंदावन आचार्य नित्यानंद गिरी महाराज ने यह मौलिक मार्गदर्शन किया ।

आचार्य नित्यानंद गिरी महाराज तथा उनके साथ पधारीं हुई साध्वी हरिप्रियाजी ने २४ जनवरी को सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी का अवलोकन किया । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों के समन्वयक श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी ने उन्हें ग्रंथप्रदर्शनी की विस्तृत जानकारी दी ।

इस अवसर पर आचार्य नित्यानंद गिरी महाराज ने कहा, ‘‘आज के भागदौडवाले जीवन में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के अत्यंत उत्कृष्ट एवं सुंदरता के साथ प्रदर्शनी का आयोजन किया है । इस प्रदर्शनी को देखकर आचरण करने से सुख, शांति एवं समृद्धि प्राप्त हो सकती है और मनुष्यजीवन का सार्थक हो सकता है । आज मनुष्य के जन्म में भी मनुष्य का आचरण वन्य पशुआें भी भांति देखने को मिलता है । मनुष्यता में मानवता बढकर उसे मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर होना चाहिए । मनुष्य यदि साधना करेगा, तो उससे संपूर्ण विश्‍व को ही शांति मिल सकती है । संस्था की ओर से सनातन-निर्मित वेद, पुराण, भागवत आदि लेकर उनका प्रसार किया जा रहा है । उसके लिए मैं संस्था को यह शुभकामना देना चाहता हूं कि यह संस्था इस कार्य को सदैव करती रहे । इस संस्था के जहां भी कार्यक्रम होंगे और यदि वहां मेरी आवश्यकता पडे, तो मैं संस्था से सहयोग करूंगा । कोई भी संस्था जो संस्कृति तथा धर्मप्रसार का कार्य करती हो, तो मैं ऐसी संस्था से सहयोग करता हूं । एक संत, धर्मप्रसारक तथा ब्राह्मण के रूप में ऐसी संस्थाआें से सहयोग करना मेरा दायित्व है ।’’

प्रदर्शनी में दी जानेवाली जानकारी के अनुसार आचरण करने से ईश्‍वर और संतों की कृपा होगी ! – साध्वी हरिप्रियाजी महाराज

सनातन संस्था की ओर से जनजागृति हेतु अत्यंत सुंदर पद्धति से प्रदर्शनी लगाई गई है । इस प्रदर्शनी में दी गई जानकारी के अनुसार आचरण करने से ईश्‍वर एवं संतों की कृपा होगी; परंतु उसके लिए मनुष्य को साधना करना आवश्यक है । जो सोए हुए हैं, ईश्‍वर उनकी सहायता नहीं करते; किंतु जिसे कुछ अर्जित कर अपना लक्ष्य प्राप्त करना है, उसके द्वारा एक कदम बढाए जाने पर उसपर अदृश्य शक्ति की कृपा आरंभ होती है । हमें भौतिक विश्‍व तो दिखाई देता है; किंतु आध्यात्मिक शक्ति दिखाई नहीं देती । हम जब अध्यात्म के मार्ग पर चलना आरंभ कर देते हैं, तब आध्यात्मिक शक्ति सदैव हमारे साथ होती है । जो धर्म का कार्य करता है, उसके साथ श्रीकृष्णजी होते हैं ।’

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