असफल सिद्ध हुए लोकतंत्र के स्थान पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना यही एकमात्र विकल्प ! – श्री. कार्तिक साळुंके

विलासपुर (हरियाना) की हिन्दू धर्मजागृति सभा में निर्धार !

श्री. कार्तिक साळुंके

विलासपुर : स्वतंत्रता के पश्‍चात राज्यकर्ताआें ने हम भारतियों पर जो लोकतंत्र थोपा, वह विदेशी विचारों पर आधारित है। ऐसा कर शासनकर्ताआें ने हमारे साथ धोखाधडी की है ! प्राचीन काल में राजा यदि अयोग्य आचरण करता हो, तो एेसे राजा काे हटाने का अधिकार जनता को था; परंतु आजकल चुने हुए शासनकर्ता चाहे कितना भी अयोग्य आचरण करें, फिर भी हम उन्हें ५ वर्षोंतक हटा नहीं सकते ! अतः इसके लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही एकमात्र विकल्प है ! हिन्दू जनजागृति समिति के देहली एवं हरियाणा राज्य समन्वयक श्री. कार्तिक साळुंके ने ऐसा प्रतिपादित किया। हरियाणा राज्य के यमुनानगर जिले के विलासपुर में २८ अक्टूबर २०१८ को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभा में वे ऐसा बोल रहे थे।

इस अवसर पर व्यासपीठ पर सनातन संस्था की साधिका डॉ. (कु.) पूनम शर्मा उपस्थित थीं। श्री. साळुंके ने अपने संबोधन में आगे कहा, ‘‘आज जनता को अपनी छोटी-छोटी समस्याआें के लिए आंदोलन चलाने पडते हैं ! राजनेता भ्रष्ट हो चुके हैं। शिक्षा का बाजारीकरण हुआ है। महिला और बच्चे असुरक्षित हैं। लोकतंत्र में फैले इन दुष्प्रवृत्तियों के विरोध में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा सुराज्य अभियान चलाया जा रहा है। सभी लोग इस अभियान में सहभागी हों !’’

हिन्दू सभ्यता की रक्षा हेतु धर्माचरण एवं साधना की आवश्यकता ! – डॉ. (कु.) पूनम शर्मा, सनातन संस्था, विलासपुर

धर्माचरण एवं साधना के कारण छत्रपति शिवाजी महाराज जैसा चरित्रवान राज्यकर्ता उत्पन्न होता है। उन्होंने धर्माचरण एवं साधना के बल पर राजधर्म का पालन करते हुए प्रजा की रक्षा की। महाराज ने गोमाता, मंदिर एवं धर्मशास्त्र की रक्षा करते हुए हमारे सामने धर्मरक्षा का आदर्श रखा है ! धनुर्धारी अर्जुन का प्रत्येक बाण लक्ष्यभेद करता था; क्योंकि अर्जुन निरंतर ‘श्रीकृष्ण, श्रीकृष्ण’ नामजप करता था। यह है नाम का सामर्थ्य ! अतः हर हिन्दू के लिए नामजप करने की आवश्यकता है। नामजप से हममें आत्मबल उत्पन्न होगा, साथ ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए आध्यात्मिक बल भी मिलेगा !

इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से  समाज, राष्ट्र एवं धर्म के लिए कार्य करनेवाले श्री. रवी भूषण को सम्मानित किया गया।

क्षणिकाएं

१. संकेतस्थल HinduJagruti.org के पाठक २० कि.मी. की यात्रा कर सभा की पूर्वसिद्धता के लिए एक धर्मप्रेमी को अपने साथ लेकर आए थे !

२. विलासपुर के धर्मशिक्षावर्ग में आनेवाले २ धर्मप्रेमी सभा के समापन के पश्‍चात सेवा में उत्स्फूर्तता से सहभागी हुए !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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