नियमों को तोडनेवाले और पैसा न चुकानेवाले सनबर्न फेस्टिवल का सरकार क्यों स्वागत कर रही है ? – हिन्दू जनजागृति समिति

समस्त हिंदुत्वनिष्ठ संघटनों की ओर से सनबर्न फेस्टिवल के विरोध में संपन्न पुणे की पत्रकार परिषद

सनबर्न फेस्टिवल के विरोध में व्यापक जनआंदोलन खडा करेंगे ! – श्री. पराग गोखले, हिन्दू जनजागृति समिति

बाईं ओर से श्री. सचिन दगडे, श्री. चंद्रकांत वारघडे, श्री. पराग गोखले, श्री. किरण दगडे, श्रीमती पियुषा दगडे, श्रीमती वैशाली दगडे एवं श्रीमती कल्पना घुले

पुणे : पाश्‍चात्त्य विकृती का उदात्तिकरण करनेवाला सनबर्न फेस्टिवल ग्रामवासी और संस्कृतिप्रेमी पुणेवासियों के तीव्र विरोध को तोडकर पीछले वर्ष वाघोली के निकट केसनंद मे संपन्न हुआ और इस वर्ष बावधन के निकट के लवळे गांव में उसका आयोजन करने की योजना बनाई गई है। पीछले वर्ष पुणे में संपन्न सनबर्न फेस्टिवल के समय आयोजकों ने सरकार के अनेक नियमों को तोडा था। उसके कारण वनविभागद्वारा आयोजकों के विरोध में ३ अपराध प्रविष्ट किये गए थे। ऐसा होते हुए भी सरकार के साथ धोखाधडी और करचोरी करनेवाले सनबर्न फेस्टिवल का सरकार स्वागत क्याें कर रही है ? जनभावनाओं की उपेक्षा कर इस विकृत फेस्टिवल को अनुमति दी जा रही है, इसलिए समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन तथा ग्रामवासी इसके विरोध में व्यापक जनआंदोलन खडा करेंगे ! ऐसी समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों की ओर से आयोजित की गई पत्रकार परिषद में चेतावनी दी गई।

२० दिसंबर को हायक्लास रेसिडेन्सी क्लब हाऊस में आयोजित की गई इस पत्रकार परिषद में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले, सूचना सेवा समिति के श्री. चंद्रकांत वारघडे, भाजपा पार्षद श्री. किरण दगडे, बावधन की सरपंचा श्रीमती पियुषा दगडे, ग्रामपंचायत सदस्या श्रीमती रेश्मा दगडे, श्री. सचिन दगडे, श्रीमती कल्पना घुले, श्रीमती वैशाली दगडे, श्री. आजाद दगडे और श्री. महेश घुले उपस्थित थे।

यदि कोई दुर्घटना घटी तो उसका दायित्व किस पर ? – श्री. पराग गोखले

लवळे गांव में जिस स्थानपर सनबर्न फेस्टिवल होने जा रहा है, वहां से निकट ही सिंबयोसिस, भारती विद्यापीठ जैसी शिक्षा संस्थाएं हैं। भारत के रक्षा विभाग के अंतर्गत आनेवाली एचईएमआरएल जैसी संस्था लवळे परिसर में ही है ! वहां अतिविस्फोटक सामग्री का परिक्षण किया जाता है। पिछले वर्ष कार्यक्रम संपन्न होने के पश्‍चात सनबर्न फेस्टिवल के मंच पर आग लगी थी। यदि इस वर्ष भी ऐसी कोई दुर्घटना घटी, तो उसका दायित्व किस पर होगा ? लोहगाव पुलिस प्रशासनद्वारा सुरक्षा के कारणों से कार्यक्रम के लिए अनुमति अस्वीकार कर दी गई फिर भी लवळे गांव में सुरक्षा की ओर अनदेखी कर इस कार्यक्रम को क्यों होने दिया जा रहा है ?

सनबर्न फेस्टिवल के स्थान पर एक भी गाडी को जाने नहीं देंगे ! – श्री. किरण दगडे

सनबर्न फेस्टिवल पुणे की संस्कृति के लिए घातक है। इसके पहले गोवा में आयोजित सनबर्न फेस्टिवल में मादक पदार्थों के अतिसेवन के कारण एक युवति की मृत्यु हुई थी। बावधन गांव में वारकरी विचार के लोग रहते हैं। ग्रामवासियों का इस फेस्टिवल के लिए विरोध है। अतः फेस्टिवल के स्थान की ओर हम एक भी गाडी को जाने नहीं देंगे !

अपराधियों को पुनः अपराध करने के लिए अनुमति देना, ये कहां का लोकतंत्र ? – श्री. चंद्रकांत वारघडे

पिछले वर्ष केसनंद गांव में आयोजित सनबर्न फेस्टिवल के समय आयोजकों ने अवैध खनन किया, पेड़ों को काट कर वनविभाग की भूमि से सडक बनाई। इसके कारण १९ दिसंबर २०१६ को वनविभागद्वारा आयोजकों के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया; परंतु आयोजकोंद्वारा बनाई गई सडक १ जनवरी २०१७ को उखड गई। अपराध उजागर होने के पश्‍चात उसके विरोध में तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? आयोजकों ने ५३ सहस्र रुपए मूल्य की टिकटों का क्रय छिपा कर सरकार का राजस्व डुबो दिया। कार्यक्रम के लिए ५५ डेसिबल ध्वनि की सीमा होते हुए भी कार्यक्रम में ४०० डेसिबल तक की ध्वनितीव्रता थी ! पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के लिए ५०० पुलिसकर्मियों की तैनाती उपलब्ध कराई गई थी। मदिरापान करनेवालों की सुरक्षा के लिए ५०० पुलिसकर्मियों का प्रबंध किया जाता है; परंतु किसी किसान की भूमि को नापना हो, तो पुलिसकर्मी उपलब्ध होने हेतु पूरे वर्षतक प्रतीक्षा करनी पडती है, यह कैसा न्याय है ? सरकार को यदि पर्यटन में वृद्धि ही करनी है, तो अन्य अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। युवा पीढी को नशे की ओर ले जानेवाले इस फेस्टिवल को क्यों प्रोत्साहन दिया जा रहा है ?, अपराधियोंद्वारा अपराध किए जानेपर भी उनको पुनःपुनः अपराध करने की अनुमति देनेवाला, ये कैसा लोकतंत्र ? इस संदर्भ में लोकायुक्त के पास परिवाद भी प्रविष्ट किया गया है !

प्रतिक्रियाएं

१. सांस्कृतिक पुण्य नगरी में ‘सनबर्न’ जैसे फेस्टिवलों की अवश्यकता ही क्या है ? – श्रीमती पियुषा दगडे, सरपंचा, बावधन

२. यह कार्यक्रम भावी पीढी को ध्वस्त करने का षडयंत्र है ! – श्री. भाऊ केदारी, पूर्व सरपंच, लवळे

३. हमें बंदी बनाया गया, तो भी कोई चिंता नहीं; परंतु हम इस सनबर्न फेस्टिवल का विरोध करेंगे। शासनद्वारा इस कार्यक्रम के लिए अनुमति दी गई, तो हम हमारी पद्धति से कार्यक्रम को तोड डालेंगे ! – श्रीमती रेश्मा दगडे

विशेष : पत्रकार परिषद में स्थानिय अपराध शाखा के २ पुलिस भी उपस्थित थे !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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