आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
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लव जिहाद अस्वीकार करनेवालोंको आगेकी वास्तविकता कथन करें !
१. केरल उच्च न्यायालयके ब्यौरेनुसार –
- १९९६ से अनुशासनिक पद्धतिसे लव जिहादकी मात्राएं बढ रही हैं ।
- ४ वर्षोंमें ४ सहस्र युवतियोंका धर्मपरिवर्तन
- थिरुवनंतपुरम्में १०० घटना स्पष्ट
- कासरगोड, कन्नूर, कोजीकोडे तथा मल्लापुरम् क्षेत्रमें १ सहस्र ६०० घटनाएं
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्रके पुणे, कर्नाटकके बंगलुरूमें भी लव जिहाद
- लव जिहादके पीछे नेशनल डेमॉक्रेटिक फ्रंट तथा पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इण्डियाके छात्र संगठन समाविष्ट
- सऊदी अरबके समान खाडी देशोंसे धर्मांधोंको अर्थपूर्ति
२. केरल राज्यके किसी धर्मांध संगठनका वित्त एवं विवाह (लव जिहाद) के माध्यमसे २० वर्षोंमें केरलका इस्लामीकरण करनेकी इच्छा है । – वी. एस्. अच्युतानंद, तत्कालीन मुख्यमंत्री (माकप), केरल ।
३. लव जिहादद्वारा अनुमानत : १० सहस्र धर्मपरिवर्तितयुवतियोंको पाकिस्तानके आतंकवादी संगठन जिहादी प्रशिक्षण दे रहे हैं । – केंद्रीय अन्वेषण विभागका ब्यौरा
४. महाराष्ट्रमें भी लव जिहादकी घटनाएं घट रही हैं । इसकी लिखित स्वरूपकी सूचना राज्यके विशेष पुलिस महानिरीक्षक देवेन भारतीकी सूचना अधिकारके नीचे प्राप्त हुई है ।
५. नगर जनपदमें ३ मासोंमें ३०० युवतियां लव जिहादकी शिकार होनेके कारण उद्धवस्त हुई हैं ।
६. विश्व हिन्दू परिषदद्वारा उपलब्ध सूचनाके अनुसार वर्ष २००९ तक १ लक्ष २० सहस्र हिन्दू युवतियां लव जिहादकी शिकार हुई हैं ।
७. गत वर्ष उत्तरप्रदेशके मुजफ्फरनगरकी हिंसा भी लव जिहादका ही एक हिस्सा थी । हाल ही में हुए मेरठकी घटनामें हिन्दू युवतीको मदरसामें बलपूर्वक बंदी बनाया गया था । साथ ही उसपर सामूहिक बलात्कार कर धर्मपरिवर्तनके लिए उसका शोषण किया गया ।
८. कर्नाटक राज्यमें महिला आयोगकी अध्यक्षा श्रीमती मंजुलाके कथनानुसार कर्नाटक राज्य पुलिसके पास युवतियोंके लापता होनेकी ५ सहस्रसे अधिक घटनाएं प्रविष्ट हैं ।
९. कर्नाटकके मंगलुरुकी आशाको आयेशा बनाकर उसके नामपर ३५ बैंकोंमें खाता खोलकर इण्डियन मुजाहिद्दीनने करोडो रुपए निकाले । उसीके द्वारा प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीके पटनाकी सभामें बमविस्फोट किया गया । वर्तमानमें वह कारागृहमें है ।
१०. देहली (नई देहली) तथा भाग्यनगर (हैदराबाद) इन दो महानगरोंसे मुसलमानोंद्वारा प्रतिवर्ष अनुमानत: १५ सहस्र हिन्दू युवतियां उठाई जाती हैं ।
यह अंकवारी केवल हिमनगके ऊपरका टोक है; क्योंकि अगणित प्रसंग, हिन्दू माता-पिता अप्रतिष्ठित न हों; इसलिए पुलिसके पास जाना टालकर मुंह बंद रखकर चुपचाप सह रहे हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात