लव जिहादकी समस्याकी गम्भीरताकी ओर ध्यान देकर ५ वर्ष पूर्वसे ही उस सन्दर्भमें जागृति करनेवाली हि

आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६

लव जिहादकी समस्याने अब रौद्ररूप धारण कर लिया है । बलशाली हिन्दूनिष्ठ संगठनोंने भी इस समस्याकी ओर ध्यान देकर उस सन्दर्भमें अल्पाधिक मात्रामें कार्य आरम्भ किया है । इस समस्याके कारण हिन्दू समाजके खोखला होनेके पश्चात अब प्रसारमाध्यम जागृत हुए हैं तथा वे इस विषयके समाचार प्रसारित कर रहे हैं । इन सबकी तुलनामें हिन्दू जनजागृति समितिका पृथकपन प्रकर्षरूपसे प्रतीत होता है । हिन्दू जनजागृति समितिने लव जिहादकी समस्याके विरोधमें वर्ष २००९ से ही जागृति करना आरम्भ किया है ।

गत ५ वर्षोंमें हिन्दू जनजागृति समितीद्वारा किए गए इस कार्यका संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत कर रहे हैं ! 

 

पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे,
राष्ट्रीय मार्गदर्शक,
हिन्दू जनजागृति समिति
१. हिन्दू धर्मजागृति सभा, प्रदर्शनी, आंदोलन, जालस्थलोंद्वारा जागृति

वर्ष २००९ में लव जिहादके सन्दर्भमें विभिन्न स्थानोंपर हिन्दू धर्मजागृति सभा, तत्पश्चात भी हिन्दू  जनजागृति सभा, प्रदर्शनी, आंदोलन, जालस्थलोंद्वारा हिन्दू जनजागृति समितिने लव जिहादकी समस्याके सन्दर्भमें जागृति करना आरंभ किया । आह्वानोंका सामना कर विभिन्न व्याख्यानोंद्वारा यह सूत्र धधकता हुआ रखा है । रामनाथी, गोवामें सम्पन्न हुए तीनों अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशनद्वारा भी हिन्दू जनजागृति समिति लव जिहादकी समस्याके सन्दर्भमें राष्ट्रीय स्तरपर जागृति करनेका प्रयास कर रही है । प्रबोधनका यह कार्य आज भी चल रहा है ।

२. लव जिहादकी समस्याकी गम्भीरता पहचानकर वर्ष २०११ में ही ग्रंथ प्रकाशित करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति

कुछ निश्चित संगठन छोडकर अन्य अनेक संगठनों तथा शासनको भी लव जिहादके सन्दर्भमें कुछ भी पता नहीं था । उस समय वर्ष २०११ में ही हिन्दू जनजागृति समितिने लव जिहादकी समस्याके सन्दर्भमें जागृति करनेवाला ग्रंथ प्रकाशित किया ।

३. वर्ष २०११ में लव जिहादके पीछे होनेवाला मूल कारण अर्थात वशीकरणपर उपाय बताएं

लव जिहादकी साधारण ३० प्रतिशत घटनाएं वशीकरणके माध्यमसे घटती हैं । इस घटनामें हिन्दू युवतियोंपर करणी किए जानेके कारण उनके व्यवहारमें परिवर्तन होता है तथा उनके अभिभावकोंद्वारा बताई गई बातें वे स्वीकार नहीं करतीं। इस वशीकरणपर मात करनेके उपाय हिन्दू जनजागृति समितिने लव जिहाद ग्रंथमें बताए हैं । इन उपायोंका लाभ अनेक लोगोंको हुआ है । इस संदर्भमें अपनी अनुभूति भी उन्होंने हिन्दू जनजागृति समितिको सूचित की है ।

४. वर्ष २०१२ से शासनद्वारा हिन्दू जनजागृति समितिके लव जिहाद ग्रंथोंके विक्रयमें अडचनें

वर्ष २०१२, २०१३ इस कालावधिमें झारखण्ड, कर्नाटक, महाराष्ट्रके साथ अन्य राज्योंमें भी शासनने पुलिसके माध्यमसे लव जिहाद ग्रंथके सन्दर्भमें पूछताछ करना आरम्भ किया । शासनद्वारा अनेक स्थानोंपर ग्रंथके वितरणमें अडचनें उत्पन्न करनेका प्रयास किया गया ।

५. वर्ष २०१२ में कर्नाटकके तत्कालीन मुख्यमंत्री सदानंद गौडाद्वारा लव जिहाद रोकनेके लिए निवेदन प्रस्तुत

कर्नाटकके तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री. सदानंद गौडाको यह निवेदन प्रस्तुत किया गया था कि सद्यस्थितिमें कर्नाटक राज्यमें लव जिहादकी घटनाएं बढ रही हैं । लव जिहादकी इन घटनाओंके सन्दर्भमें राज्यशासन, गुप्तचर विभाग, आरक्षक विभागको निष्क्रिय रहनेकी अपेक्षा निश्चित एवं कडी कार्रवाई कर हिन्दू महिला एवं युवतियोंपर होनेवाले अत्याचारोंपर प्रतिबंध लगाना चाहिए ।

६. व्यापक प्रबोधनके कारण राजनेताओंद्वारा भी लव जिहादकी स्वीकृति

हिन्दू जनजागृति समिति तथा अन्य कुछ संगठनोंके प्रबोधन कार्यके कारण ही अब केवल समाजद्वारा ही नहीं, अपितु कुछ राजनेताओंद्वारा भी लव जिहादकी स्वीकृति दी गई है । भाजपाने भी अपनी कार्यक्रमपत्रिकापर उत्तरप्रदेशके चुनावके लिए लव जिहादकी समस्याका सूत्र प्रकाशित किया है । भाजपाके संसद सदस्य योगी आदित्यनाथने भी लव जिहादके सन्दर्भमें अपने तीखे)विचार प्रकट किए थे । हाल ही में मध्यप्रदेश भाजपाकी विधायक उषा ठाकुरने नवरात्रिमें गरबा कार्यक्रमोंमें मुसलमान युवकोंको प्रवेश देनेके लिए पाबंदी डालनेकी सूचना प्रकाशित की है । प्रसारमाध्यमोंने भी अब लव जिहादके सन्दर्भमें समाचार प्रसारित करना आरम्भ किया है ।

७. लव जिहादके विरोधमें संगठनात्मक कार्य आरम्भ

अभीतक कुछ निश्चित संगठनोंको छोडकर अधिकांश संगठनोंने लव जिहादके सन्दर्भमें जागृतिका कार्य नहीं किया था; किंतु अब अनेक प्रादेशिक संगठनोंद्वारा लव जिहादकी समस्याका निराकरण करनेका कार्य आरम्भ हुआ है । हाल ही में विश्व हिन्दू परिषदने भी इस सन्दर्भमें जागृति करनेवाला पत्रक प्रसारित किया है । इस पाश्र्वभूमिपर हिन्दू जनजागृति समितिकी दूरदर्शिता स्पष्ट होती है । हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा गत अनेक वर्षोंसे जागृति की गई है, इसीलिए लव जिहादके षडयंत्रका शिकार हुई कुछ युवतियोंके अभिभावक भी हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा समुपदेशन प्राप्त कर रहे हैं । एक वाचकने तो इन शब्दोंमें हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकी प्रशंसा की है कि ‘हिन्दू युवतियोंके लिए ‘लव जिहाद’ ग्रंथ 'भगवद गीता' के समान पूजनीय है’ ।

१४ सितम्बरसे हिन्दू जनजागृति समितिके नेतृत्वके कारण ही पूरे देशमें लव जिहादके विरोधमें प्रदर्शन किए जा रहे हैं ।

– पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति 

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


लव जिहादके विषयमें हिन्दुओंमें व्यापक स्तरपर जनजागृति करनेवाले हिन्दू जनजागृति समितिके ऑनलाईन आंदोलनको इंटरनेट विश्वमें प्राप्त होनेवाला अभूतपूर्व प्रतिसाद !

हिन्दू लडकियोंके मूलपर उठे लव जिहादके विषयमें जनजागृति करने हेतु पिछले माहभरसे हिन्दू जनजागृति समितिके संकेतस्थलके माध्यमसे व्यापक मात्रामें जनजागृति की जा रही है ।

१. समितिका संंकेतस्थल

लव जिहादकी वार्ताओंको समितिके संकेतस्थलसे व्यापक मात्रामें प्रसिद्धि दी गई । अंग्रेजी एवं हिन्दीमें कुल मिलाकर लव जिहादके समाचार एवं उनकी वास्तविकता उजागर करनेवाले कुल ८३ लेख एवं इन लेखोंकी पाठक संख्या : ७९ सहस्र

लव जिहादकी वास्तविकता उजागर करनेवाले लेखमालिकाओंकी समितिके संकेतस्थलपर मार्गिका :
अंग्रेजी : http://www.hindujagruti.org/news/category/articles/love-jihad
हिन्दी : https://www.hindujagruti.org/hindi/news/cid_132.html

२. फेसबुक

समितिके पेâसबुकके पृष्ठोंपर लव जिहादके विषयमें जनजागृति करनेवाले पोस्ट किए गए । अंग्रेजी एवं हिन्दी पृष्ठोंपर अबतक किए गए पोस्टको कुल मिलाकर प्राप्त प्रतिसाद निम्नानुसार  है :

  • अ. कुल मिलाकर रीच (Reach – कितने लोगोंतक विषय पहुंचा) : ३८ लाख ६४ सहस्र ५२८
  • आ. कुल मिलाकर लाईक्स (Likes – पसंद बतानेवालोंकी संख्या) : ८० सहस्र १३६
  • इ. कुल मिलाकर शेअर्स (Shares – पोस्टका प्रसार करनेवालोंकी संख्या) : ३६ सहस्र ६०३
  • ​ई. कुल मिलाकर कॉमेंट्स (Comments – प्रतिक्रियाओंकी संख्या) : ७ सहस्र ११३

३. ट्विटर एवं गूगल प्लस: समितिके ट्विटर एवं गूगल प्लस खातेसे किए गए ट्विटोंको भी अच्छा प्रतिसाद मिला ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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