पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के अध्यक्ष सहित उत्तरदायी सभींपर अपराध प्रविष्ट करें – हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंकी मांग

श्री महालक्ष्मी मंदिर का आस्था का केंद्र होनेवाले ‘मणिकर्णिका कुंड’ को बुझाकर वहां सीधे ‘शौचालय निर्माण’ का कार्य !

हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा कोल्हापुर के पुलिस थाने में ज्ञापन प्रस्तुत

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कोल्हापूर (महाराष्ट्र) : श्री महालक्ष्मी मंदिर का आस्था का केंद्र होनेवाले मणिकर्णिका कुंड को बुझाकर वहां सीधे ‘शौचालय निर्माण’ का दुष्कर्म पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति ने किया है। यह श्री महालक्ष्मी के करोडों श्रद्धालुओंकी दृष्टीसे, साथ ही कोल्हापूर के समस्त नागरिकों की दृष्टी से अत्यंत क्रोधजनक एवं धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाला कृत्य है !

पुरातत्त्व कानून के अंतर्गत भी यह एक अपराध है !

इस के संदर्भ में १५ अप्रैल २०१३ को तत्कालिन जिलाधिकारी श्री. राजाराम माने ने इस ‘शौचालय’ को हटाने का आदेश दिया था; परंतु उस आदेश का अभी तक पालन नहीं हुआ है !

इस संदर्भ में हिन्दु विधिज्ञ परिषद ने ३१ अगस्त २०१५ के दिन पुनः परिवाद किया; किंतु स्थिति अभी भी ‘जैसे थे’ है। पुरातत्त्व विभाग ने भी इस विषय में कुछ नहीं किया है। इस सर्व प्रकरण को उत्तरदायी होनेवाले पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष एवं सर्व विश्वस्त, साथ ही महापालिका आयुक्त इनपर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें तत्काल बंदी बनाया जाए, यह मांग करनेवाला ज्ञापन सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंकी ओर से ९ मार्च को कोल्हापुर के जुना राजवाडा पुलिस थाने में प्रस्तुत किया गया। पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक श्री. अनिल देशमुख ने इस ज्ञापन का स्वीकार किया। (पवित्र मणिकर्णिका कुंड पर होनेवाले अवैध निर्माण को हटाने के लिए पुलिस थाने में ज्ञापन देनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

बाएं से हिंदुत्ववादी सर्वश्री संभाजी भोकरे, चंद्रकांत बराले, संभाजी साळुंखे, महेश उरसाल, सुनील घनवट, प्रमोद मुतालिक और ज्ञापन स्वीकारते हुए जुना राजवाडा पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक श्री. अनिल देशमुख (दाइं ओर)
बाएं से हिंदुत्ववादी सर्वश्री संभाजी भोकरे, चंद्रकांत बराले, संभाजी साळुंखे, महेश उरसाल, सुनील घनवट, प्रमोद मुतालिक और ज्ञापन स्वीकारते हुए जुना राजवाडा पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक श्री. अनिल देशमुख (दाइं ओर)

इस अवसरपर कर्नाटक के श्रीराम सेना के संस्थापक श्री. प्रमोद मुतालिक, बजरंग दल के जनपदप्रमुख श्री. संभाजी साळुंखे, शहरप्रमुख श्री. महेश उरसाल, शिवसेना के जनपद उप-प्रमुख श्री. संभाजी भोकरे, शिवसेना के करवीर तहसीलप्रमुख श्री. राजू यादव, हिन्दु एकता आंदोलन के जनपद प्रमुख श्री. चंद्रकांत बराले, शहरप्रमुख श्री. जयदीप शेळके, श्री. शिवाजीराव ससे, हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. जयकुमार खडके, श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृति समिति के श्री. सुनील घनवट, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक इनके सहित अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे।

अवैध निर्माण कार्य होते समय देवस्थान समिति के सदस्योंने क्या अपनी आंखोंपर पट्टी बांध ली थी ? – श्री. प्रमोद मुतालिक

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इस समय पुलिस निरीक्षक से चर्चा करते समय श्री. प्रमोद मुतालिक ने कहा कि, अवैध निर्माण कार्य होते समय देवस्थान समिति के सदस्योंने अपनी आंखोंपर पट्टी बांध ली थी क्या ? इस निर्माण का समिति से कुछ भी संबंध, नहीं है क्या ? यह कुंड देवस्थान समिति के परिसर में आने से समिति के पदाधिकारियोंको इस दायित्व को ठुकराना कदापि संभव नहीं !

श्री. संभाजी साळुंखे ने कहा कि, विगत २० वर्षोंसे देवस्थान समिति को पूर्णकालिन अध्यक्ष ना मिलना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है !

श्री. महेश उरसाल ने कहा कि, हिन्दुत्वनिष्ठोंपर आंदोलन की नौबत मत लाईए !

जिन संबंधितोंके विरोध में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, उनके नाम ….

• डॉ. अमित सैनी, अध्यक्ष, पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
• श्री. राजेंद्र देशमुख, राष्ट्रवादी काँग्रेस के पूर्व विधायक, आटपाडी तथा सदस्य, पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
• श्री. हिरोजी परब, सिंधुदुर्ग, सदस्य, पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
• श्री. बी.एन. पाटील- मुगळीकर, सदस्य, पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
• श्री. प्रमोद पाटील, इचलकरंजी, सदस्य, पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति
• श्रीमती संगीता उदय खाडे, सदस्य, पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति, आयुक्त, कोल्हापूर महानगरपालिका
• इन सब की सहायता करनेवाले एवं / अथवा उपरोल्लिखित अपराध को कारणभूत ज्ञात-अज्ञात आरोपी

‘विषय’ कार्यक्षेत्र में ना आने का कारण बताकर अपना दायित्व ठुकरानेवाले पुलिस अधिकारी !

इस समय चर्चा करनेवाले पुलिस निरीक्षक ने कहा कि, यह ‘विषय’ मेरी कार्यकक्षा में नहीं आता। इस संदर्भ में हम जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर अगला निर्णय लेंगे !

इसपर श्री. सुनील घनवट ने कहा कि, यह ‘विषय’ चर्चा का न होकर ‘धार्मिक भावना’ओंसे संबंधित होने के कारण संबंधित सभींपर यथाशीघ्र अपराध प्रविष्ट करें; क्योंकि यह ‘विषय’ आपकी ही कार्यकक्षा में है !

इस समय पुलिस थाने में पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के अभियंता श्री. देशपांडे उपस्थित थे। उन्होंने ‘यह कुंड २० वर्ष पूर्व ही हमने महापालिका को हस्तांतरित किया है। इसलिए इससे हमारा संबंध नहीं है’, ऐसा कहकर अपना दायित्व ठुकराने का प्रयास किया।

इस संदर्भ में आयोजित की गई पत्रकार परिषद में हुए, कुछ प्रश्नोत्तर ….

१. इस समय एक पत्रकार ने आप हसन मुश्रीफपर जातिय दृष्टिकोण से आरोप कर रहे हैं क्या, यह प्रश्‍न पूछा।

इसपर उत्तर देते समय श्री. अभय वर्तक ने कहा कि, आज तक समिति ने कभी भी किसीपर जातिय दृष्टिकोण से आरोप नहीं किए हैं। इसके विपरीत स्वयं को देवीभक्त कहलानेवाले हसन मुश्रीफ से हम यह आवाहन करते हैं कि, वे आगे आगे आयें और इस अवैध निर्माण कार्य को हटाएं !

२. २० वर्ष पूर्व कोल्हापूर महापालिकापर हसन मुश्रीफ की सत्ता नहीं थी, साथ ही शहर के विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर के होते हुए, आप केवल मुश्रीफ पर ही आरोप क्यों लगाते हैं, इस प्रकरण में आपको अन्य कोई उत्तरदायी नहीं लगता क्या ?

इसका उत्तर देते हुए श्री. सुनील घनवट ने कहा कि, हमने मुश्रीफ का नाम केवल उदाहरण के रूप में, एक लोकप्रतिनिधी के रूप में लिया है। इस प्रकरण से जो-जो संबंधित हैं, उन सभी को दंड मिलना चाहिए, यह कृति समिति की भूमिका है। विगत अनेक वर्ष कोल्हापुर महापालिका में किसकी सत्ता है तथा पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के सदस्य किस राजनीतिक दल के हैं, यह सर्वविदीत है ! इसलिए आज हमने पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति से संबंधित हर एक पर कार्रवाई होने के लिए परिवाद किया है। आज के दिन महानगर पालिका हसन मुश्रीफ़ के ही हाथों में है, तो जनपद के नेता के रूप में हसन मुश्रीफ अपने कार्यकर्ताओंसे कहकर इस अवैध निर्माण को क्यों नहीं गिराते ?

३. और एक पत्रकार ने पूछा, हसन मुश्रीफ पर आप आरोप कर रहें हैं, क्या आपके पास, इसके प्रमाण हैं ?

इसका उत्तर देते हुए श्री. प्रमोद मुतालिक ने कहा कि, सामने दिख रही बातों के लिए प्रमाण की क्या आवश्यकता ? आप नेता हैं, तो इन बातों का दायित्व भी आपका ही है !

इस समय श्री. अभय वर्तक ने कहा कि, भारत देश में सभी पुरातन वस्तु, वास्तूओंके जतन के संदर्भ में अनास्था है ! चाहे वे दुर्ग हों अथवा मंदिर, या फिर कुछ भी। हमारे यहां पुरातन वस्तु, वास्तुओंका संवर्धन इस विषय में किसी को कोई आस्था नहीं है। हमारे यहां होनेवाले अनेक प्राचीन मंदिर उनकी ओर ध्यान न देने के कारण नष्ट हो रहे हैं। यह सब हमारी अगली पिढि को मिले, इसलिए हमारे प्रयास हैं। भारत में होनेवाले मंदिर तो ‘अतुल्य एवं चिरंतन’ देन है ! उनकी ओर पुरातत्त्व विभाग से लेकर किसी का भी ध्यान नहीं है !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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