श्रावण कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
वर्ष १९७१ में भारतकी सहायतासे निर्मित बांग्लादेश आज भारतके शत्रुराष्ट्रके रूपमें खडा है । वहां रहकर आई..एस.आई.., हुजी एवं तत्सम आतंकवादी संगठन भारतके साथ दक्षिण एशियाका इस्लामीकरण करनेमें उलझे हुए हैं । इसलिए इस लेखमें हम देखेंगे कि बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय जिहादियोंका मुख्यालय किस प्रकार बन गया है ।
१. आईएस.आईके षडयंत्र
१ अ. बांग्लादेश इन्स्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीजकी सहायतासे स्ट्रैटेजिक फ्रंटियरके माध्यमसे भारत-बांग्ला अंतर्राष्ट्रीय सीमाका इस्लामीकरण कर भारतमें आतंकवादी घुसानेका उनका कपटी षडयंत्र ही है !
आई.एस.आई. एवं ढाका स्थित बांगलादेश इन्स्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज् !
इन दोनों संस्थाओंने मिलकर स्ट्रैटेजिक फ्रंटियर नामक संकल्पनाको जन्म दिया । भारत-बांग्ला अंतर्राष्ट्रीय सीमाका इस्लामीकरण करना एवं सिलीगुडी घाटीके माध्यमसे (कोरिडोरसे) भारतके बंगाल एवं पूर्वांचल प्रदेशोंमें प्रशिक्षित आतंकवादी घुसाना इस स्ट्रैटेजिक फ्रंटियर संकल्पनाका उद्देश्य था ।
१ आ. बांग्लादेशमें रहकर जमाते इस्लामके माध्यमसे पूर्वांचलको भारतसे तोडनेके मर्यादित उद्देश्यके उपरांत अब उस देशका तालिबानीकरण करनेका सपना देखते हुए कुटिल षडयंत्र करनेवाली आई.एस.आई. !
प्रारंभमें आई.एस.आई.को अपना आतंकवादी संगठन बांग्लादेशमें स्थापित करनेमें कोई रुचि नहीं थी । जमाते इस्लामके माध्यमसे पूर्वांचल प्रदेशके आतंकवादी संगठनोंको पैसा एवं शस्त्रकी पूर्ति करना तथा उसके आधारपर भारतमें अस्थिरता फैलानेके साथ पूर्वांचलको भारतसे अलग करनेका उनका मर्यादित उद्देश्य था । आगे आई.एस.आई.ने अपने वहांके जाल एवं षडयंत्रकी व्याप्तिका गतिसे विस्तार किया । आज वहां आतंकवादियोंके प्रशिक्षण शिविर चलानेसे लेकर नशीले मादक द्रव्योंकी तस्करी एवं भारतमें आतंकवादी घुसानेसे लेकर बांग्लादेशका तालिबानीकरण करनेतक सभी कुछ आई.एस.आई. कर रहा है ।
२. आई.एस.आई.के हुजीके साथ षडयंत्र
२ अ. हरकत-उल्-जिहाद-अल्-इस्लामी अर्थात हुूजीके माध्यमसे बेझिझक कार्य चालू रहना
आई.एस.आई. उसका यह कार्य हरकत-उल्-जिहाद-अल्-इस्लामी (हुजी) संगठनके माध्यमसे कर रही है । इस संगठनके नामका अर्थ है, पवित्र इस्लामी जिहादके लिए आंदोलन !
२ आ. दक्षिण एशियामें इस्लामी शासन स्थापित करना ही हुजीका उद्देश्य !
हुुजी संपूर्ण एशियामें ही अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी बंधुभाव (International Islamic Brotherhood) अस्तित्वमें लाना चाहता है । संक्षेपमें, संपूर्ण दक्षिण एशिया इस्लामके हरे रंगमें रंगनेका उद्देश्य सामने रखकर यह संगठन कार्य कर रहा है ।
२ इ. हम सब लोग तालिबानी होकर बांग्लादेशको अफगानिस्तानमें रूपांतरीत करें, ऐसी घोषणा उजागरीसे देनेवाला हुूजी संगठन !
आमरा सोबोई होबो तालिबान, बंगाल होबे अफगानिस्तान (अर्थ : हम सब लोग तालिबानी होकर बांग्लादेशको अफगानिस्तानमें रूपांतरीत करें ।) यह घोषणा बांग्लादेशमें वर्तमानमें तीव्र गतिसे गूंज रही है एवं इस घोषणाको हूजीने जन्म दिया है । उनकी इस प्रकारकी धमकीके पश्चात यह संगठन केवल कागदपत्रपर ही अस्तित्वमें है, ऐसा प्रतिवाद बांग्लादेश शासन कर रहा है । तब भी उनकी कार्यवाहियां एवं उपर्युक्त घोषणाएं उनके कार्यवाहियोंके प्रमाण देते हैं ।
३. सभी संगठनोंके आतंकवादी अड्डे होनेसे अंतर्राष्ट्रीय जिहादका मुख्यालय बना बांग्लादेश !
अमेरिकाद्वारा अफगानिस्तानमें सेनाकी कार्यवाही किए जानेपर वहांसे पलायन किए अल् कायदा आतंकवादी संगठनके सदस्य तथा अफगान भूमिपर भली-भांति सिद्ध हुए सभी आतंकवादी संगठनोंके कार्यकर्ता आज बांग्ला देशमें अड्डे बनाकर रहते हैं । टाईम्स मासिकके वार्ताहरने तो कहा है कि बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय जिहादियोंका मुख्यालय बन गया है ।
स्त्रोत – (साप्ताहिक विवेक (१९.१२.२००४))
(यद्यपि यह लेख १० वर्षपूर्वका है । तथापि वह वर्तमान स्थितिपर पूर्णतः लागू होता है । – संपादक)