राजस्थान में हिन्दू जनजागृति समिति का धर्मप्रसार कार्य
झुंझुनू (राजस्थान) : हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने यह प्रतिपादित किया कि ‘हम माता के दूध पर १-२ वर्ष जीवित रहते हैं तथा उर्वरित जीवन में गाय के दूध पर हमारा पोषण होता है। अतः जिस प्रकार आयु बढ जाने के कारण हम अपने मां-बाप का त्याग नहीं करते, उसी प्रकार आयु से वृद्ध हुई, दूध न देनेवाली गोमाता का विक्रय करना निंदनीय है।
गोरक्षा हेतु स्वयं को शेर का भक्ष्य बनाने के लिए सिद्ध राजा दिलीप के हम वंशज हैं। अतः गोधन की रक्षा करना ही हम प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।’ वे यहां के खांदुवा गांव के श्री जगनब्रह्मचारी आश्रम में संपन्न कार्यक्रम में वक्तव्य दे रहे थे। उस समय आश्रम के उत्तराधिकारी श्री ब्रह्मस्वरूपजी महाराज के समेत श्री. विजयभारती थे।
साथ ही आसपास के गांव के ६०० से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे।
हिन्दू संस्कृतिपर आक्रमण करना, यह देश की सत्ता अधिकार में लेने के षडयंत्र का एक हिस्सा है ! – श्री. विजयभारती
उस समय निवृत्त सनदी अधिकारी (आइ.ए.एस्. अधिकारी) श्री. विजयभारती ने वक्तव्य दिया कि ‘हिन्दू धर्म, संस्कृति लुप्त हो रही है।
मेरी प्रशासकीय सेवा में नागालैण्ड में ४० सहस्र हिन्दुओंको एक ही बार धर्मपरिवर्तन करते हुए मैंने देखा है। इस बात का मुझे आज भी दुःख है कि उस समय उनके लिए मैं कुछ करने के में असमर्थ रहा। किसी भी देश के साथ लडने की अपेक्षा राज्य करने का एक माध्यम अर्थात उस देश की संस्कृति में परिवर्तन करना। आज यही कार्य भारत में ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जा रहा है।’
अतः अतं में उन्होंने यह भी कहा कि ‘यह ध्यान में रखते हुए सभी हिन्दुओंको धर्मरक्षा हेतु सक्रिय होना चाहिए।’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात