धर्मांध टिपुद्वारा अत्यधिक क्रूरतासे हिंदुओंके ८ सहस्र मंदिर नष्ट किए जानेका इतिहास

वैशाख शुक्ल पूर्णिमा , कलियुग वर्ष ५११५

टिपू सुलतान के नामपर विश्वविद्यालय  निर्माण करनेकी इच्छा रखनेवालों, धर्मांध टिपूद्वारा अत्यधिक क्रूरतासे हिंदुओंके ८ सहस्र मंदिर नष्ट किए जानेका इतिहास भी इसी विद्यालयमें पढाइए !

कर्नाटक राज्यमें कांग्रेस सरकारद्वारा क्रूरकर्मा टिपू सुलतानके नामसे विश्वविद्यालय स्थापित करनेका षडयंत्र रचा गया है । आगे दिए गए कुछ उदाहरणद्वारा टिपूकी  क्रूरता ध्यानमें आएगी । अत: टिपूके नामसे विश्वविद्यालय स्थापित करनेका प्रयास हिंदुओंको विफल करना चाहिए ।

१. टिपूद्वारा दक्षिण भारतमें ८ सहस्र से भी अधिक मंदिर नष्ट किए जानेके संदर्भमें प्रमाण देनेवाले ग्रंथ

अंग्रेजोंद्वारा बनाए तत्कालिन मैसुरराज्यके भौगोलिक स्थलवर्णनकोशमें इसका स्पष्ट उल्लेख  किया गया है । टिपू सुलतानने उसके कार्यकालमें दक्षिण भारतके ८ सहस्रसे भी अधिक मंदिर नष्ट किए थे । इसमें अधिकतर मंदिर केरलके मलबार एवं कोचीनके थे । श्री.के.पी. पद्मनाभ मेननद्वारा लिखित ‘हिस्टरी ऑफ कोचीन ’ एवं श्री.ए.श्रीधर मेननद्वारा ‘लिखित हिस्टरी ऑफ केरल ’ नामक ग्रंथोंमें इनमेंसे कुछ मंदिरोंके विषयमें जानकारी दी गई है ।

१ अ. टिपूकी सेनाद्वारा तोडफोड किए गए कुछ प्रसिद्ध मंदिरोंके नाम

टिपूकी सेनाने मल्याळम् पंचांगके अनुसार चिंगम् मास, मल्याळम् वर्ष ९५२ में (अगस्त १७८६ में) प्रसिद्ध पेरुमनम् मंदिरकी  र्स्ब  मूर्तियोंकी तोडफोड की थी । इसके आगे त्रिश्शिवपेरुरसे करुवन्नूर नदीतक सभी मंदिरोंमें स्थित मंदिरोंकी मूर्तियां नष्ट की थी। उनमेंसे  कुछ प्रसिद्ध मंदिरोंके नाम आगेके अनुसार हैं ।

१. हेमांबिका मंदिर, कल्लेकुलंकरा, जनपद पालक्काड
२. केरलाधीश्वर महाविष्णु मंदिर, तानुरनगर, जनपद मलप्पुरम्
३. जैन मंदिर, पालक्काड
४. इरिंजालक्कुडा तिरुविल्वामला मंदिर, जनपद त्रिश्शिवपेरूर
५. मम्मियूर शिव मंदिर, गुरुवायुर, जनपद त्रिश्शिवपेरूर
६. तिरुवंचिक्कुलम महादेव मंदिर, मेथला पंचायत, कोडुंक्कल्लुर, त्रिश्शिवपेरूर
७. त्रिप्रंगोड शिव मंदिर, तिरूर, जनपद मलप्पुरम्
८. त्रिच्चंबरम् श्रीकृष्ण मंदिर, तलिपरंब, जनपद कन्नुर
९. तलिपरंब शिव मंदिर, जनपद कन्नुर
१०. तिरुवंजिकुलम शिव मंदिर, कोडुंक्कल्लुर, जनपद  त्रिश्शिवपेरूर
११. वडक्कुमनाथन शिव मंदिर, जनपद त्रिश्शिवपेरूर
१२. वारक्कल दुर्गा मंदिर,वेस्ट हिल, जनपद कोझीकोड
१३. त्रिकंदियूर महादेव मंदिर, तिरूर, जनपद मलप्पुरम्
१४. सुकपुरम् दक्षिणामूर्ति मंदिर,एडप्पाल, जनपद मलप्पुरम
१५. वडुकुंडा शिव मंदिर,वेंगरा, जनपद कन्नुर
१६. परिहरपुरम सुब्रह्मण्य मंदिर, रामनाथकरा, जनपद कोझीकोड
१७. वडुकुंडा शिव मंदिर,माडाई, जनपद कन्नुर
१८. त्रिक्काव दुर्गा मंदिर, पोन्नानी, जनपद मलप्पुरम

१ आ. तत्कालीन मलबार भौगोलिक स्थलवर्णनकोशके अनुसार टिपूद्वारा नष्ट किए गए महत्त्वपूर्ण मंदिर

१. तली महादेव मंदिर, जनपद कोझीकोड
२. श्री वलयनाड भगवती मंदिर, गोविंदपुरम्, जनपद कोझीकोड
३. तिरुवण्णूर शिव मंदिर, जनपद कोझीकोड
४. श्री तिरुपुरैक्कल भद्रकाली मंदिर, पुत्तूर, जनपद पालक्काड
५. नारायणकन्नुर मंदिर, रामनतलि, जनपद कन्नुर

१ इ. क्रूरकर्मा टिपूद्वारा किए गए अत्याचार

१. जहां ऋग्वेद पढया जाता था ; उस  प्रसिद्ध तिरुनावाय मंदिरको भी नष्ट किया गया था ।
२. टिपूने पूरा कोझीकोड नगर नष्ट करनेके आदेश दिए थे ।

३. टिपूके पिता हैदर अलीने गुरुवायुर श्रीकृष्ण मंदिरपर १७६६ में आक्रमण किया था । उनका ही अनुकरण करते हुए टिपूने मम्मीयूर शिव मंदिर एवं अन्य दो श्रीकृष्ण मंदिरोंको नष्ट करनेके उपरांत गुरुवायूर मंदिरपर आक्रमण कर उसे उद्ध्वस्त किया था ।

४. अंगाडिप्पुरम्में स्थित ४ सहस्र वर्ष पूर्वका नरसिंहमूर्र्ति मंदिर टिपूकी सेनाद्वारा नष्ट किया गया था । १९४६ में इस मंदिरका पुनर्निर्माण किया गया । उसके पश्चात धर्मांध मोपलोंने उसे पुनः नष्ट किया ।

१ ई. मंदिरोंका विनाश कर मस्जिदोंका निर्माण कार्य करना

१. केरलके कन्नुर जनपदमें कतिरूर स्थानपर स्थित मस्जिद देखनेमें मंदिरके समान ही है । इतिहासतज्ञ मानते हैं कि टिपूने इस मंदिरका विनाश कर उस स्थानपर मस्जिदका निर्माणकार्य किया था ।

२. मलबारके इतिहासमें लिखा है कि मणियूर मस्जिदके स्थानपर एक समय  हिंदुओंका मंदिर था । स्थानीय लोगोंके मतानुसार टिपूद्वारा मलबारपर आक्रमण किए जानेके उपरांत उसे मस्जिदमें रूपांतरित किया गया था ।

१ ई १. मस्जिदोंका निर्माण कार्य करनेकी निर्घृण पद्धति

टिपूके आदमी निस्संकोच गोहत्या करते थे । इतना ही नहीं, अपितु हिंदुओंके  घावोंपर नमक छिडकनेके लिए मंदिरमें स्थित मूर्तियोंकी तोडफोड कर उसी स्थानपर गोहत्या करते थे एवं उसके पश्चात वहां मस्जिदका निर्माण कार्य करते थे । अधिकांश समय मूर्तियोंके टुकडे कर उनका उपयोग मस्जिदकी सीढियां बनानेके लिए किया करते थे, जिससे श्रद्धालु एवं शांतिके पूजक कहलानेवाले मुसलमानोंको सीढियोंपर पैर देकर नमाजके लिए जाना संभव होगा । मलबारके हिंदुओंने टिपूके आक्रमणसे त्रिप्रयार मंदिरकी मूर्तियोंकी रक्षा करने हेतु उन्हें तत्काल वहांसे हटाया था। टिपूके मलबार प्रांतको छोडकर जानेके पश्चात १७९० के अंतमें ये मूर्तियां मूल स्थानपर पुनर्स्थापित की गई ।

२. मंदिरोंकी तोडफोड रोकनेके संदर्भमें टिपूद्वाराकी गई दर्पोक्ति  !

टिपू सुलतानकी  कुछ निजी लिखाईमें एक घटनाके विषयमें लिखा गया है कि कन्नुरके चिरक्कल राजाने मंदिरोंकी तोडफोड रोकनेके लिए टिपूको ४ लक्ष रुपयोंका सोना एवं चांदी देना चाहा था । उस समय टिपूने उसे उत्तर दिया था कि ‘‘यदि संपूर्ण विश्व मुझे दिया जाए  तो भी मैं हिंदुओंके मंदिरोंकी तोडफोड नहीं रोकूंगा ।

(संदर्भ : फ्रीडम् स्ट्रगल बाय सरदार पणिक्कर) यही उसका अर्थात एक इस्लामिक सुलतानका वास्तव स्वरूप था !
क्रूरकर्मा टिपूद्वारा किए गए जिहादी आक्रमणमें मलबार क्षेत्रमें ८० प्रतिशतसे अधिक मंदिर नष्ट किए गए थे।
संदर्भ : हिंदवं केरलम्

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