नीले ध्वज को वाहन का धक्का लगने पर समाजद्रोहियों द्वारा ५ वारकरी सांप्रदायिक संतों से मारपीट कर उनके मुंह को कालिख पोंछी गई !

  • जिंतूर (जनपद परभणी) के हिन्दुआें के लिए आपातकालसूचक घटना !
  • मारपीट का आळंदी (पुणे) में प्रत्युत्तर वारकरी सांप्रदायिकों की ओर से मौनफेरी
  • संतों से मारपीट के विरोध में भीड द्वारा पथराव
  • पुलिस द्वारा लाठीमार
  • १६ समाजद्रोहियों को बंधक बनाया गया

संतों से मारपीट होते समय प्रेक्षक की भूमिका निभानेवाले पुलिस अधिकारी अनिल कांबळे का स्थानांतरण

(स्थानांतरण करने का अर्थ उनको अन्य स्थानपर उसी प्रकार का अयोग्य कृत्य करने के लिए खुला छोडने जैसा है । अपने कर्तव्य का योग्य प्रकार से निर्वहन न करनेवाले पुलिस अधिकारियों को शाश्‍वत रूप से पदच्युत कर उनपर शासन द्वारा कठोर कार्यवाही की जाना आवश्यक है ! हिन्दू राष्ट्र में कर्तव्यदक्ष पुलिसकर्मी होंगे ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

मौनफेरी में सहभागी वारकरी

जिंतूर (जनपद परभणी) : तहसील के एलदरी में वाहनों की टक्कर के कारण नीले ध्वज का चबूतरा नीचे गिरने से समाजद्रोहियों ने वाहन से यात्रा करनेवाले ५ वारकरी संतों से अमानवी मारपीट कर उनके मुंह को कालिख पोंछ दी, साथ ही उनको उठकबैठक करने के लिए बाध्य किया । ६ जनवरी की सुबह ११.३० बजे यह घटना हुई । संतों से हुई मारपीट के विरोध में दोपहर ४ के पश्‍चात हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं ग्रामवासियों द्वारा जिंतूर बंद रखा गया, तो दूसरे दिन भीड द्वारा विभिन्न स्थानोंपर बडी मात्रा में पथराव किया गया । इस समय पुलिस द्वारा लाठीमार किया गया । उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनिल कांबळे को निष्कासित करने की मांग की जानेपर उनका स्थानांतरण किया गया । इस प्रकरण के अंतर्गत अभीतक १६ समाजद्रोहियों को बंधक बनाया गया है, ऐसा पुलिस अधीक्षक नियती ठाकुर ने बताया ।

१. आळंदी के ह.भ.प. संजयबाबा पाचपोचकर के मठ के कुछ संत परभणी जनपद में गोशाला देखने हेतु आए थे ।

२. जिंतूर तहसील के इटोली में संदीप महाराज इटोलीकर की गोशाला को देखकर ह.भ.प. शिवाजी महाराज हत्तेकर, ह.भ.प. संतोष महाराज, ह.भ.प. बद्रीनाथ नवले महाराज एवं ह.भ.प. प्रभाकर महाराज ये सभी अपनी गाडी से एलदरी मार्ग से सेनगाव की ओर जा रहे थे ।

३. एलदरी के चौकपर के अतिक्रमित मार्गपर स्थित नीले ध्वज को उनकी गाडी का धक्का लग जाने से वह नीचे गिर गया ।

४. उस समय वहां के समाजद्रोहियों ने गाडी में बैठे सभी संतोंसहित चालक के साथ अमानवी मारपीट की । इन सभी के साथ मारपीट होते समय वहांपर पुलिस अधिकारी उपस्थित थे । (संतों को मारपीट होते समय उनकी रक्षा न करनेवाले पुलिस अधिकारी सामान्य जनता की क्या रक्षा करेगी ? ऐसे पुलिसकर्मी चाहिए तो किसलिए ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

५. एलदरी गांव में इसकी जानकारी फैलते ही अन्य समाज के युवक बडी संख्या में वहांपर इकट्ठा हो गए ।

६. इन संतों पर पुलिस अधिकारियों के समक्ष ही मारपीट होनेपर भी ये अधिकारियों के निष्क्रिय होने से नागरिकों ने राज्यमार्गपर डेरा डालकर मार्ग बंद आंदोलन किया ।

७. यह समाचार शहर में फैलते ही वहांपर प्रचंड तनाव उत्पन्न हुआ । विविध संगठन के कार्यकर्ताआें ने जिंतूूर बंद कर पुलिस थाने के सामने इस घटना का तथा निष्क्रिय पुलिसकर्मी एवं अधिकारियों का निषेध करते हुए सडकपर ही डेरा डाला ।

८. दूसरे दिन क्षुब्ध भीड द्वारा साठे चौकपर पुलिस के २ वाहनोंपर पथराव कर तथा मार्गपर टायरों को जलाकर मार्ग को बंद करने का प्रयास किए जानेपर पुलिस ने लाठीमार किया ।

९. उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनिल कांबळे को निलंबित किया जाए तथा मारपीट करनेवाले आरोपियों को तत्काल बंधक बनाया जाए, इन मांगों को लेकर मार्गपर बडी भीड एकत्रित हो गई ।

१०. आळंदी, जालना, हिंगोली एवं परभणी से मठ में स्थित संत-महंत शहर में आ गए ।

११. पहले दिन रात के १० बजे सांसद संजय उपाख्य बंडू जाधव ने शहर में आकर भीड को शांति बनाए रखने का आह्वान किया ।

१२. दुसरे दिन दोपहर लगभग १२ बजे पुलिस अधीक्षक नियती ठाकर के शहर में आनेपर भीड ने उनके वाहन का घेराव किया । उसके पश्‍चात सांसद संजय जाधव ने पुलिस अधीक्षक को निवेदन सौंपा । तब पुलिस अधीक्षक ने उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनिल कांबळे के स्थानांतरण का आदेश निकालकर एलदरी के १६ लोगों को बंधक बनाए जाने की जानकारी दी । तब कहीं जाकर भीड शांत हो गई ।

१३. इस घटना के विषय में शिवाजी गडदे ने पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया । समाजद्रोहियों द्वारा गाडी में बैठे हुए ३ संतों से नगद ६२ सहस्र रुपए और ५ भ्रमणभाष संच चुराए जाने का भी इस परिवाद में कहा गया है । पुलिस ने एलदरी के किरण खंदारे, प्रीतम वाकळे, आकाश खंदारे, दिलीप वाकळे, अनिल एवं किरण खिलारेसहित १६ लोगों को हिरासत में ले लिया है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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