श्रावण अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११६
श्री. दीपक ढवळीकर |
गोवाके सहकारमंत्री श्री. दीपक ढवळीकरने गोवा विधानसभामें यह वक्तव्य दिया कि भविष्यमें भारत एक हिन्दू राष्ट्रके रूपमें स्थापित होगा । साथ ही हम उसका स्वागत करते हैं । भारत एक स्वयंभू हिन्दू राष्ट्र है । स्वतंत्रताके पश्चात उसकी यह पहचान मिटानेके प्रयास किए गए हैं । इस पाश्र्वभूमिपर सबके प्रयासोंसे भविष्यमें भारत हिन्दू राष्ट्र बनेगा । इसी वक्तव्यपर हिन्दू जनजागृति समितिके प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदेने एक प्रसिद्धि पत्रकद्वारा यह बताया कि श्री. ढवळीकरका यह वक्तव्य हिन्दुओंको आश्वस्त करनेवाला है । हिन्दू राष्ट्र स्थापनाका आग्रह करनेवाले श्री. ढवळीकर देशके प्रथम मंत्री हैं, अतः समस्त हिन्दूनिष्ठ संगठनोंद्वारा हम उनका अभिनंदन करते हैं ।
रा.स्व. संघकी स्थापनाका उद्देश्य समर्थ हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना ही था, साथ ही स्वा. सावरकर तथा स्वामी विवेकानंदके समान महान विभूतिओंने भी हिन्दू राष्ट्रका उद्घोष किया था । अतः यह मांग आजकी नहीं ।
भारतको निधर्मीके रूपमें स्थापित करनेका षडयंत्र रचनेवाले पाकिस्तान एवं बांग्लादेश इन मुसलमान देशोंके केवल धर्मके आधारपर पृथक होनेका हमें विस्मरण हो गया है । अतः आज भारतके सहस्रों हिन्दुनिष्ठ संगठन भारतको पुनः हिन्दू राष्ट्रकी पहचान प्राप्त करनेके लिए दिनरात कार्य कर रहे हैं । उनके इस कार्यको श्री. ढवळीकरके वक्तव्यके कारण पुष्टि प्राप्त हुई है । साथ ही श्री. ढवळीकरके वक्तव्यसे हिन्दू राष्ट्र स्थापनाके लिए कार्य करनेवाले सभी संगठनोंका उत्साह दुगना करनेका कार्य हुआ है ।
हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु हिन्दू जनजागृति समिति गत तीन वर्षोंसे अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशनका आयोजन कर रही है । कल-परसोंतक केवल हिन्दूनिष्ठोंद्वारा मर्यादित स्वरूपमें होनेवाला हिन्दू राष्ट्र स्थापनाका विषय श्री. ढवळीकरके वक्तव्यके कारण आज राष्ट्रीय चर्चाका विषय बन गया है । भविष्यमें इस विषयपर वैचारिक मंथन होगा तथा हिन्दू राष्ट्रका महत्त्व राष्ट्रके ध्यानमें आएगा, इसकी हमें निश्चिति है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात