‘बाजीराव मस्तानी’ इस चलच्चित्र (फिल्म) काे प्रमाणपत्र न देने हेतु हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा केंद्रीय चलचित्र परीनिरीक्षण मण्डलको निवेदन !
श्री. संजय लीला भन्सालीद्वारा दिग्दर्शित ‘बाजीराव मस्तानी यह आगामी चलचित्र (फिल्म) १८ दिसंबर २०१५ को प्रदर्शित हो रहा है । इस फिल्म के प्रसारित हुए ट्रेलर एवं पिंगा पिंगा इस गीत द्वारा इतिहास का विकृतीकरण किया गया है ।
छत्रपति शिवाजी महाराज के उपरांत, देश को बाजीराव पेशवा के रूप में एक महापराक्रमी योद्धा प्राप्त हुआ । इतिहास इसका साक्षी है । बाजीराव जी ने २१ वर्षों के अपने गौरवशाली कार्यकाल में एक भी लडाई नहीं हारी । परंतु उनके इस गरिमापूर्ण इतिहास को इस फिल्म द्वारा पूरी तरह अनदेखा कर दिग्दर्शक भन्साली ने उनका चरित्र, केवल मस्तानी के प्रेमी के रूप तक ही मर्यादित कर दिया है ।
साथ ही, इस चलचित्र के एक गीत पिंगा पिंगा में बाजीरावजी की पत्नियां काशीबाई और मस्तानी को एकत्रित नृत्य करते हुए दिखाया गया है । इस गाने में उनका असभ्य स रूप में नाच दिखाया गया है । उसमें काशीबाई तथा मस्तानी की वेशभूषा अनुचित है, साथ ही इस गाने का नृत्य बिलकुल ही ‘मंगलागौरी’ का प्रतीत नहीं होता। उसे तमाशा की जुगलबंदी का रूप दिया गया है। वास्तव में, पेशवाआें के काल में, चारित्र्यवान एवं खानदानी महिलाआें की ऐसी परंपरा थी की वे बीभत्स रूप से नृत्य नहीं करती थी । तत्कालीन राजघरानों की महिलाएं, राजमाता जिजाऊ, रानी लक्ष्मीबाई, ताराबाई, रानी चेन्नम्मा जैसे शूर पराक्रमी परंपराआें से थी । भन्सालीजी ने अपनी तिजोरी भरने के लिए मराठों की आदर्श कुटुंब व्यवस्था को आहत किया है । उन्होंने आधी-अधूरी जानकारी से इतिहास का असत्य रूप में प्रस्तुतीकरण किया है । यह बात अक्षम्य ही है ।
पेशवाआें के वंशजों ने भी चलचित्र पर अपनी अप्रसन्नता दर्शाई है । उन्होंने भी इस चलचित्र के विरोध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मा. देवेंद्र फडणवीस जी को भी पत्र लिखा है ।
हिन्दू जनजागृति समिति ने भी इसके विरोध में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को निषेधपत्र लिखकर इसका विरोध किया है । निषेधपत्र द्वारा समिति ने इस चलचित्र में किया गया इतिहास का विकृतीकरण रोकने तथा ‘पिंगा पिंगा’ यह गीत हटाने की मांग की है । यह न करने पर समिती कानून के मार्ग से तीव्र आंदोलन करेगी ऐसा भी सूचित किया गया है ।