कोल्हापूर के जिलाधिकारीद्वारा श्री महालक्ष्मी की मुर्तिपर रासायनिक संवर्धन की प्रक्रिया के संदर्भ में बैठक
यदि धर्मशास्त्र विशारदोंकी बात सुननी नहीं है, तो बैठक आयोजित करने का नाटक किस लिए ? इस में जिलाधिकारी अन्य लोगों के समय का अपव्यय क्यों करते हैं ?
कोल्हापुर के श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्तिपर रासायनिक संवर्धन की प्रक्रिया के संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति, वज्रलेपतज्ञ, मूर्तिकार, श्रीपूजक तथा पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान व्यवस्थापन समिति के सदस्य के साथ कोल्हापुर के जिलाधिकारी श्री. अमित सैनी ने २४ जुलाई को बैठक आयोजित की थी।
इस बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे, हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर तथा भूतपूर्व न्यायाधीश श्री. सुधाकर चपलगावकर ने धर्मशास्त्र के विषय में सभी सूत्र प्रस्तूत किए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी सैनी ने कहा कि महालक्ष्मीदेवी की मूर्तिपर रासायनिक संवर्धन की प्रक्रिया अब चालू हो गई है तथा उसे रोक पाना असंभव है। वह अब चालू ही रहेगी। यदि इस में मूर्ति को कोई हानि पहूंची, तो उसका दायित्व सर्वस्वी पुरातत्व विभाग पर होगा।
हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा प्रस्तुत आपत्तियोंका हम विचार करेंगे; परंतु उनकेद्वारा हमें वैसा लिखित स्वरूप में पत्र चाहिए। श्री पूजकोंने भी कहा कि विधि होने पर काम रोक पाना असंभव है। स्थानीय सांसद श्री. धनंजय महाडिक ने भी कहा कि पुरातत्व विभाग को काम रोकने के आदेश नहीं दिए गए हैं।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात