हिन्दुओ, मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम पहचानें तथा भ्रष्टाचार से मंदिर की रक्षा करने हेतु मंदिर, भक्तोंके अधिकार में देने के लिए भाजपा शासन को बाध्य करें !
कोल्हापुर(महाराष्ट्र) : करवीरनिवासिनी श्री महालक्ष्मीदेवी की प्रतिमा पर रासायनिक संवर्धन प्रक्रिया के अंतर्गत धार्मिक विधी के लिए मानकरी के रूप में पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के भ्रष्टाचार के गंभीर परिवाद प्रविष्ट किए गए व्यक्तियों को निंमत्रित किया गया था। इस संदर्भ में अनेक लोगोंद्वारा टिपण्णी की जा रही है। (हिन्दुओ, धर्महानी करनेवाले ऐसे अपप्रकारोंके विरोध में संगठित होकर वैध मार्ग से प्रतिकार करें !- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के कुछ सदस्य तथा पदाधिकारियोंपर अनुचित व्यवहार के अनेक परिवाद प्रविष्ट हुए हैं। वर्तमान में इस समिति की जांच राज्यशासन के विशेष पथकद्वारा की जा रही है। महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृती समिति ने कुछ दिन पूर्व आंदोलन कर उन पर भ्रष्टाचार के परिवाद किए थे।
हिन्दू विधीज्ञ परिषद ने सूचना अधिकार के नीचे जानकारी प्राप्त कर भ्रष्टाचार के विषय में पत्रकार परिषद आयोजित कर यह स्पष्ट किया था।
श्री महालक्ष्मी मंदिर के विधी का आरंभ श्रीमंत शाहु महाराज के हाथों हुआ था। इस में अंतिम स्तर में उन्होंने वादपीडित सिद्ध हुए पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के सदस्यों को निमंत्रित किया।
देवस्थान समिति के अपकीर्त सदस्य एवं पदाधिकारियोंको धार्मिक कार्य हेतु आमंत्रित करने के कारण सभी लोग टिपण्णीयां कर रहे हैं। (एक ओर देवस्थान समिति के सदस्य एवं पदाधिकारियोंके भ्रष्ट कार्य पर टिपण्णीयां करना तथा दूसरी ओर धार्मिक विधी के समान पवित्र कार्यक्रम के लिए उन्हें आंमत्रित करना, ऐसी दोहरी भूमिका श्रीपूजकोंद्वारा क्यों अपनाई गई ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
(संदर्भ : दैनिक लोकसत्ता संकेतस्थल)
यह भ्रष्टाचारियोंका उदात्तीकरण ! – श्री. सुनील घनवट, प्रवक्ता,श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचार विरोधी कृती समिति
महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृती समितिद्वारा जिन पर परिवाद किए गए हैं, उन्हें ऐसे पवित्र स्थान पर धार्मिक कार्य हेतु आंमत्रित करना अर्थात् भ्रष्टाचार का एवं भ्रष्टाचारियोंका उदात्तीकरण करना है। यह अत्यंत अनुचित बात है। इस से यह प्रतीत होता है कि, इसकेद्वारा भ्रष्टाचार को पुष्टि प्राप्त हो रही है। इस के माध्यम से समाज को अनुचित संदेश प्रदान किया जा रहा है। अतः भ्रष्टाचारविरोधी कृती समिति इस बात का प्रकट निषेध व्यक्त कर रही है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात