सभी प्रकार का विरोध नष्ट कर ‘हिन्दू राष्ट’ स्थापित करने हेतु संघर्ष करें ! – कु. मेघा चौहान
फोंडा (गोवा) : यहां के मल्लिकार्जुन मंदिर सभागृह, आक्सण, मडकई, गोवा में आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभा में सनातन की साधिका कु. मेघा चौहान ने आवाहन करते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में हमें ऐसी धाक उत्पन्न करनी चाहिए जिससे एक भी गोवंश की हत्या न हो। हमें हिन्दू धर्म की निंदा करनेवाले अभिनेताओंके चलचित्रोंका बहिष्कार करना चाहिए। धर्मपरिवर्तित लोगोंकी घरवापसी का विरोध किया जा रहा है। संस्कृति रक्षा के विषय में श्रीमती लता ढवळीकर का विरोध हुआ। यह सब विरोध नष्ट कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु हमें संघर्ष करना है, ऐसा आवाहन हिन्दू धर्मजागृति सभा में किया।
इस अवसर पर हिंदू महासभा के गोवा अध्यक्ष श्री. शिवप्रसाद जोशी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गोविंद चोडणकर उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री. चोडणकर एवं श्री. जोशी ने भी उत्स्फूर्त होकर मार्गदर्शन किया।
घोषणाओंकी गूंज में सभास्थल पर मान्यवरोंका आगमन हुआ। शंखनाद होने पर श्री. शिवप्रसाद जोशी के शुभहाथों दीपप्रज्वलन किया गया। श्री. राहुल वझे एवं श्री. अंबरीष वझे के वेदमंत्रपठन करने से सभास्थल चैतन्यमय हो उठा था। मडकई के धर्माभिमानी श्री. राजा नाईक के करकमलोंद्वारा इन ब्रह्मद्वयोंका सम्मान किया गया। मडकई के धर्माभिमानी श्री. पांडुरंग केळु गावडे ने श्री. शिवप्रसाद जोशी का एवं श्री. गोविंद चोडणकर ने इन वक्ताओंका सम्मान किया। मडकई की धर्माभिमानी श्रीमती कल्पिता केशव गावडे ने कु. मेघा चौहान का सम्मान किया।
श्री. संजीव नाईक ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की जानकारी दी। सभा के आयोजक श्री. रामचंद्र तेली ने कृतज्ञता व्यक्त की। श्री. राहुल वझे एवं कु. शांभवी वजे ने सूत्रसंचालन किया।
कु. मेघा चौहान ने आगे कहा कि, ‘धर्माचरण से छत्रपति शिवाजी महाराज समान चरित्र उत्पन्न होता है। छत्रपति शिवाजी महाराज समान ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने से सभी समस्याएं जड से दूर होंगी। महाराष्ट्र में सरकारद्वारा हिन्दुओंके मंदिर नियंत्रण में लेने के कारण हिन्दुओंके पैसोंकी लूट हो रही है। हिन्दू विधिज्ञ परिषद ने ऐसी घटनाओंको उजागर किया है। क्या मस्जिद एवं चर्च कभी शासकीयकृत किए गए हैं ? स्वयं को धर्मनिरपेक्ष कहलानेवाली सरकार हिन्दुओंके मंदिर में हस्तक्षेप क्यों करती है ?’
श्री. शिवप्रसाद जोशी ने कहा कि गोवा के कुछ हिन्दू धन के लालच में बीलिवर्स की कार्यवाहियोंपर बलि चढ रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें इस षडयंत्र को साम, दाम, दंड एवं भेद का उपयोग कर विफल करना चाहिए। हिन्दू धर्म को दूर करने के कारण ही नेपाल में नैर्सिगक आपत्ति आई है। ऐसी आपत्ति हम पर न आए,इस हेतु हमें धर्माचरण करना चाहिए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात