चिंचीणी (मडगाव) में गोहत्या के प्रकरण में पुलिस द्वारा कसाईयों को दिया जा रहा है संरक्षण !

स्वयं गोवंश हत्याआें को न रोकनेवाले तथा प्राणिप्रेमियों की भी सहायता न करनेवाले पुलिसकर्मी !

मडगाव – एनिमल वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों ने १० दिसंबर को चिंचीणी, मडगाव में एक चर्च की पीछे की जा रही गोवंश की हत्या को अपने प्राणों को संकट में डालकर रोका था; परंतु कुछ लोगों के दबाव के कारण पुलिसकर्मियों ने कसाई अली बेपारी एवं नाजिर बेपारी को बंदी बनाने में टालमटोल की, साथ ही घटनास्थलपर रखी गई गर्भवती गाय एवं बछडे को छुडवाना टाल दिया । साथ ही मांग कर भी घटनास्थलपर पर्याप्त पुलिसकर्मीयों को न भेजकर गोरक्षक सदस्यों को अकेला असुरक्षित छोड दिया गया । तत्पश्‍चात दूसरे दिन एनिमल वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों द्वारा परिवाद किए जाने के पश्‍चात भी इन कसाईयों के विरुद्ध मामुली अपराध प्रविष्ट किया गया । एनिमल वेल्फेअर बोर्ड की सदस्य अंजली आनंद ने पत्रकार परिषद लेकर यह आरोप लगाया । एनिमल वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों ने पुलिसकर्मियों की इस अक्षम्य ढीली कार्यपद्धति के विषय में पुलिस महानिदेशक एवं मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर के पास परिवाद किया है ।

पुलिसकर्मियों की ढिलाई के कारण कसाईयों को बंदी नहीं बनाया गया और इन कसाईयों की चंगुल से गोवंश भी नहीं छूट सका । अपने काम में ढिलाई बरतनेवाले सहायक पुलिस निरीक्षक पवार और अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए । एनिमल वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों ने यह मांग की है ।

एनिमल वेल्फेयर बोर्ड के सदस्यों द्वारा मारे गए छापे के समय घटनास्थल से हाल ही में हत्या किया गया गोवंश कां मांस, हथौडी, गल, २ फ्रीज आदि सामग्री को नियंत्रण में लिया गया था । ये दोनों कसाई चिंचीणी में अन्न एवं औषधि प्रशासन की बिना किसी अनुमति के मांसबिक्री की दुकान चलाते हैं । सदस्यों द्वारा परिवाद किए जाने के पश्‍चात साहायक पुलिस निरीक्षक अशोक पवार, पुलिस उपनिरीक्षक अर्चना गावकर, सिपाही संजय ने घटनास्थलपर केवल १ सिपाही भेजा । वास्तव में अली बेपारी के घर के निकट ही चर्च के पीछे एक गर्भवती गाय और बछडे को बांधकर रखा गया था । इसकी जानकारी होते हुए भी पुलिसकर्मियों ने कोई कार्यवाही नहीं की ।

स्थानीय गुंडों द्वारा सदस्यों को धमकाने का प्रयास

घटनास्थलपर कुछ स्थानीय गुंडे दोपहिया वाहन से आए और उन्होंने एनिमल वेल्फेअर बोर्ड के सदस्यों को धमकाना और उनके साथ ही विवाद करना आरंभ किया । तब सदस्यों ने सहायक पुलिस निरीक्षक एवं पुुलिस अधीक्षक के साथ संपर्क किया; परंतु उनकी ओर से कोई भी सहायता नहीं मिली । घटनास्थलपर उपस्थित २ पुलिसकर्मी सदस्यों को अकेले ही छोडकर ०७ जी ३९० क्रमांकवाले वाहन में बैठकर घटनास्थल से निकल गए । (शासन किसका भी हो; परंतु अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करना हमारे देश की परंपरा ही बन चुकी है । उससे पुलिसकर्मी अल्पसंख्यकों के विरुद्ध कार्यवाही करने का साहस नहीं दिखाते । इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही अब एकमात्र विकल्प है ! – संपादक)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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