जिहादियोंने निकाले हिन्दूद्वेषी फतवे
- विद्यालयोंमें श्री सरस्वतीदेवीकी पूजा न करें !
- प्रत्येक नवरात्रोत्सवमें एक इमाम और मौलवीको स्थान दें !
- विद्यालयके परिसरमें स्वामी विवेकानंदका पुतला खडा न करें !
- घरके सामने रंगोली न बनाएं !
२५० मुसलमानोंद्वारा हिन्दू धर्ममें घर वापसी करनेका समाचार दिनरात प्रसारित करनेवाले प्रसारमाध्यमोंने क्या कभी हिंन्दुआेंके विरोधमें निकाले जानेवाले ऐसे फतवोंका प्रसारण किया है ?
मुर्शिदाबाद भारतमें है या पाकिस्तानमें ?
कतरा मस्जिद (मुर्शिदाबाद)
मुर्शिदाबाद (बंगाल) – जिहादी धर्मांधोंवारा लगातार निकाले जानेवाले तुगलकी फतवोंने यहांके हिन्दुआेंको जीवन जीना कठिन कर दिया है । इन सभी फतवोंनुसार आचरण करना सभी हिन्दुआेंके लिए बन्धनकारी है तथा फतवोंका पालन न करनेपर जिहादी धर्मांधोंकी तानाशाहीका सामना करना अनिवार्य हो जाता है । ऐसी वहांकी स्थिति है ।
दोलुआ गांवमें कार्तिक देवताकी मूर्ति लानेपर जिहादियोंद्वारा प्रतिबन्ध !
मुर्शिदाबाद (बंगाल) – जिहादियोंने ऐसा फतवा निकाला कि यहांके बेलडांगाके दालुआ गांवमें इस वर्ष गांवमें कार्तिक देवताकी मूर्ति न लायी जाए । इस सन्दर्भमें हिन्दुआेंने पुलिस और प्रशासनसे सहायताकी मांग की है । तत्पश्चात भी स्थानीय हिन्दुआेंके मनमें भय है कि क्या इस वर्ष यह पूजा कर पाएंगे अथवा नहीं ? मुर्शिदाबाद जनपदमें धर्मांधोंकी संख्या लगभग ४० प्रतिशत है । (तृणमूल कांग्रेसके बंगालमें अनेक स्थानोंपर छोटे-छोटे पाकिस्तान निर्मित होनेका यह फल है ! – सम्पादक)
१. दोलुआ गांवमें प्रतिवर्ष कार्तिक पूजाका बडा अनुष्ठान किया जाता है । स्थानीय लोगोंका कहना है कि हिन्दुआेंका यह कार्यक्रम बन्द करनेका जिहादियोंका षड्यन्त्र है ।
२. बेलडांगा गांवमें हिन्दूहितका कार्य करनेवाले भारत सेवाश्रमके स्वामी प्रदीप्तानंदजी महाराजने जिहादियोंके इस फतवेका विरोध किया, तब इन जिहादी संगठनोंने उन्हें भी धमकी दी ।
पाठशालाआेंमें हिन्दू त्यौहार मनानेपर जिहादियोंद्वारा प्रतिबन्ध !
१. इसके पहले मार्च २०१० में जिहादियोंने ऐसा फतवा निकाला था कि बेलडांगा गांवके झाओबोना विद्यालयमें श्री सरस्वती देवीकी पूजा नहीं करने देंगे । विद्यालयका प्रशासन तथा स्थानीय प्रशासनने घुटने टेककर उनकी इस मांगका स्वीकार किया था ।
२. इसी विद्यालयके ४ धर्मांध शिक्षकोंके लिए नमाज पठन करने हेतु विशेष प्रबन्ध किए जानेकी धर्मांधोंकी मांगको विद्यालय प्रशासनने स्वीकार किया था । इसलिए हिन्दुआेंने भी श्री सरस्वती देवीकी पूजा करनेकी मांग प्रशासनसे पुनः की ।
३. हिंन्दू विद्यार्थियोंद्वारा की गई मांगके उपरान्त १० सहस्र धर्मांध संगठित हुए और उन्होंने हिन्दू विद्यार्थियोंको निर्ममतासे पीटा । साथ ही ३० हिन्दू परिवारोंके घरमें तोडफोड की और भारी मात्रामें लुटपाट भी की । यह सब करते समय गांवमें पुलिस न आए, इसलिए उन्होंने गांवमें आनेवाली सडकपर बडे-बडे वृक्ष डालकर मार्ग ही बन्द किया ।
४. आमतला विद्यालयके एक निवृत्त शिक्षकने विद्यालयके प्रांगणमें स्वामी विवेकानंदजीका पुतला अपने खर्चसे खडा करनेका प्रयत्न किया था । जिहादियोंद्वारा इसका भी तीव्र विरोध किया जानेसे वे यह पुतला खडा नहीं कर सके ।
हिन्दुआेंके दैनिक व्यवहार और त्यौहार मनानेपर जिहादियोंद्वारा आपत्ति !
१. वर्ष २०११ में पांचथुपी गांवमें हिन्दुआेंकी संक्रांति मेलेपर जिहादियोंने आक्रमण किया था ।
२. वर्ष २०१२ में रेजी नगरके बाछडा गांवमें श्री लक्ष्मीदेवीकी शोभायात्रा जाते समय धर्मांधोंने उसका भारी संख्यामें विरोध किया था और इस शोभायात्राको मार्गमें ही रोककर रखा । जिहादियोंके इस विरोधके कारण श्रद्धालुआेंको सडकपर ही मूर्तिको छोडकर जाना पडा । तदुपरान्त पुलिसने मूर्तिका विसर्जन किया ।
३. रघुनाथ गंज परिसरमें घोष परिवारकी एक महिलाने घरके सामने रंगोली बनाई थी । जिहादियोंद्वारा किए गए प्रचण्ड विरोधके कारण घोष परिवारको इस रंगोलीको मिटा देना पडा था ।
४. गांवकी भान्ति बडे नगरोंमें भी हिन्दुआेंको जिहादियोंके विरोधका सामना करना पड रहा है । बहरमपुर नगरके एक भवनमें रहनेवाले जिहादियोंके ३ परिवारोंद्वारा विरोध किए जानेके कारण वहां रहनेवाले हिन्दुआेंको पूजाके समय शंख बजाना बन्द करना पडा ।
५. हाल ही में हुई नवरात्रिमें यहांके सभी मण्डलोंको पुलिसके नामसे एक पत्र प्राप्त हुआ । उसमें लिखा था कि आगेसे प्रत्येक मण्डलमें एक मौलवी अथवा एक इमामको स्थान देना पडेगा । पुलिसको यह पत्र दिखानेपर पता चला कि ऐसा कोई पत्र पुलिसने नहीं निकाला है । कहा जा रहा है कि जिहादी संगठनोंद्वारा ही यह पत्र निकाला गया है ।
(संदर्भ : दैनिक बर्तमान, बंगाल)
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात