सांस्कृतिक और राष्ट्रीय अभिमान बढानेवाली रुचियां रखें !

बच्चो, डाक टिकट अथवा विविध देशों के पत्रमुद्रा (नोट) संग्रह करना, दूरदर्शनपर मनोरंजन के कार्यक्रम देखना, क्रिकेट का खेल खेलना एवं देखना, ‘वीडिओ गेम’ खेलना आदि रुचि रखने के स्थानपर आगे दिए अनुसार रुचि रखें.. Read more »

संतोंकी जीवनी पढें एवं भारत देशके आदर्श नागरिक बनें !

बच्चो, ‘हैरी पॉटर’ एक काल्पनिक कथा है जिसका वास्तविकतासे कोई संबंध नहीं है । क्या यह काल्पनिक कथा कभी भी वास्तविक बन पाएगी ? ऐसेमें जो असत्य है उन्हें पढनेमें समय व्यर्थ क्यों गंवाएं ? Read more »

जीवन आदर्श बनाने के लिए योग्य आदर्श चुने !

राष्ट्रद्रोह करनेवालों को अपना आदर्श मानना, उनके राष्ट्रद्रोही कृत्यों का समर्थन करने समान है । इसिलिए हमे भक्त प्रहलाद, बालक ध्रुव, संत ज्ञानेश्वर आदि थोर विभूतीयों का आदर्श रखकर आचरण करना चाहिए । Read more »

स्वयं में ‘मितव्ययी’ इस गुण की वृद्धी करें !

भगवानजी की कृपा से मनुष्य को अनेक सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं । इन सुविधाओं का अपव्यय टालकर, आवश्यकतानुसार उपयोग करना, इसीको ‘मितव्ययी’
कहते है । Read more »

माता-पिता की सेवा मनःपूर्वक करें !

माता-पिता एवं घर के सभी बडे व्यक्तियों को झुककर अर्थात उनके चरण छूकर प्रणाम करना चाहिए ।‘मातृदेवो भव । पितृदेवो भव ।’ अर्थात् ‘माता-पिता ईश्वर के समान हैं ।’ यह हमारी महान हिंदू संस्कृति की शिक्षा है । Read more »

समय का व्यवस्थापन कर अपनी कार्यक्षमता बढाएं !

समय का व्यवस्थापन, अर्थात स्वयं का व्यवस्थापन । इससे आपकी कार्यक्षमता बढती है ! समय की योजना बनाते समय आगे निम्नांकित बातोंपर ध्यान देना चाहिए । Read more »

नियोजन कुशलता सीखें एवं अपना जीवन आनंदमय बनाएं !

‘नियोजन का महत्त्व समझने हेतु उदाहरण के रूप में हम श्याम एवं राम के अनुक्रम से नियोजन का अभाव तथा सुयोग्य नियोजन के कारण उसका परिणाम क्या हुआ, यह देखेंगे । Read more »

पश्चिमी नहीं, हिंदू संस्कृति अनुसार आचरण करें !

प्रातः उठनेपर चाय-कॉफी-बिस्किट का सेवन न कर, व्यायाम, स्नान आदि कर दूध पिया करें !
‘टेबल-कुरसी’पर नहीं, अपितु पीढा, चौकी अथवा आसनीपर पालथी आसन में बैठकर भोजन करें ! Read more »