अभिभावकों, बच्चों के अर्थहीन नाम रखने से होनेवाले परिणाम जान लें !

अध्यात्मशास्त्र के अनुसार बच्चों के नाम रखने से क्या लाभ होते है, यह हम प्रस्तुत लेख से देखेंगे । Read more »

२ से ५ वर्षतक के बच्चोंपर कौन – कौन से संस्कार करें ?

बालमनपर जिस प्रकार के संस्कार किए जाते है, उसी के अनुसार आगे के काल में बच्चों का वैसा ही स्वभाव हो जाता है । बालआयु में होनेवाले संस्कारों के कारण ही बच्चों का व्यक्तित्व निर्भर करता है । Read more »

बच्चों के व्यक्तित्व का विकास कैसे करें ?

‘अभिभावकों, हम केवल एक बच्चे के अभिभावक न होकर राष्ट्र के अभिभावक हैं । आज हम देखते हैं कि समाज एवं राष्ट्र की स्थिति अच्छी नहीं है । इसका कारण यह है कि हम अभिभावक के रूप में राष्ट्र को सुसंस्कारित पीढी नहीं दे सके । Read more »

बच्चों को सफलता प्राप्त करने में सहायता करें !

अपने बच्चे को उत्तम गुण प्राप्त हों, वे जीवन में सफलता प्राप्त करें, प्रत्येक अभिभावक की ऐसी इच्छा रहती है । अर्थात उसमें उसकी कोई भी भूल नहीं; परंतु सफलता प्राप्त करने के संदर्भ में अभिभावकों को सभी संकल्पनाएं सुस्पष्ट होनी चाहिए ! Read more »

बच्चों के जीवन में खेल एवं मनोरंजन का स्थान

बच्चे एवं बडे, दोनों के ही जीवन में खेल का महत्त्व है । प्राचीन काल से तत्कालीन संस्कृति में खेल का उल्लेख पाया जाता है । Read more »

बालकों को अनुशासनप्रिय कैसे बनाएं ?

अनुशासन और दंड, इन दोनों शब्दों की निर्मिति शिक्षा शब्द से हुई है । शिक्षा की सहायता से अच्छा आचरण करने का अर्थ ही अनुशासन है । इसलिए दंड किस कारण से व किसी भूल अथवा अनाचार के लिए देना है, यह समझकर ही दंड देना चाहिए । Read more »