संस्कार का अर्थ क्या है ?

प्रत्येक कार्य अच्छे संस्कार से युक्त होना चाहिए, उदा. हम केले खाकर छिलके डाल देते हैं, यह कृत्य है । केले खाकर छिलके कूडेदान में डालना, यह प्रकृति है । छिलके मार्गपर फेकना यह विकृति है । किसी अन्य के द्वारा मार्गपर फेका हुआ छिलका कूडेदान में डालना, यह है ‘संस्कृति’ । Read more »

सोलह संस्कार करने के उद्देश्य

भारतीय परंपरा के अनुसार मनुष्य का प्रत्येक कृत्य संस्कारयुक्त होना चाहिए । सनातन धर्म ने प्रत्येक जीव को सुसंस्कृत बनाने हेतु गर्भधारणा से विवाह तक प्रमुख सोलह संस्कार बताए हैं । इन संस्कारों का उद्देश्य इस प्रकार है – Read more »

बच्चों को समयपर संस्कारित करना आवश्यक !

रेलगाडी से यात्रा करते समय एक प्रसंग देखा । उससे ‘आजकल के बच्चों को समयपर ही संस्कारित करने का कितना महत्त्व है’ यह ध्यान मे आया । यह प्रसंग प्रस्तुत लेख मे दिया है । Read more »

सुसंस्कारों का महत्त्व !

’सुसंस्कारित मन जीव को कहीं भी भटकने नहीं देता । इसीलिए बच्चों का मन सुसंस्कारित करना, यह बडों का, हिंदु धर्माचरण करनेवालों का, समाज का कर्तव्य है । Read more »

बच्चों पर संस्कार कब से करें ?

गर्भपर उचित संस्कार कैसे करें ? : मां-पिता एवं परिवार के व्यक्तियों के सात्त्विक विचारों का भी गर्भ के मनपर प्रभाव पडता है । इस सात्त्विक वातावरण का शिशु के शारीरिक एवं मानसिक विकासपर अच्छा परिणाम होता है । Read more »

अभिभावकों, सुसंस्कारित पीढी का निर्माण करें !

हमारा बच्चा सुसंस्कारित हो, ऐसी प्रत्येक अभिभावक की इच्छा होती है; मात्र उसके लिए इस दृष्टि से ध्यानपूर्वक प्रयत्न करना, यह उनका कर्तव्य बनता है । आपके बच्चेपर सुसंस्कार करते हुए हम भारत का भावी नागरिक बना रहे हैं, ऐसा Read more »

बच्चोंमें राष्ट्र तथा धर्मके विषयमें अभिमान निर्माण करें !

हम यदि वर्तमानके बच्चोंका अवलोकन करेंगे, तो ध्यानमें आएगा कि बच्चोंमें राष्ट्राभिमान एवं र्माभिमानका बहुत अभाव हो गया है । यदि यह स्थिति ऐसी ही रही तो, राष्ट्रका विनाश अटल है । अतः हमें अपने बच्चोंमें राष्ट्राभिमान निर्माण करनेके लिए प्रयत्न करने ही होंगे । Read more »

आज प्रत्येक को जीजामाता का आदर्श लेना आवश्यक है !

‘छत्रपति शिवाजी ने हिंदवी राज्य की, अर्थात आदर्श हिंदू राष्ट्र की स्थापना की । हिंदू राष्ट्र निर्माण हो, इसकी जन्मघुट्टी जीजामाता ने उन्हें बाल्यवस्था में ही पिलाई थी । Read more »

अभिभावकों के मनपर आनेवाले तनाव के कारण

जो अपने बच्चे को उसमें स्थित दोष दूर कर उसमें सदगुण लाने हेतु सहायता करता है, वास्तवमें वही अभिभावक । वर्तमान में अभिभावक की परिभाषा क्या होती है ? Read more »

यदि आपको लगता है कि ‘आपके बच्चे आदर्श बच्चे बनें’ तो…..

यदि आपको लगता है कि ‘आपके बच्चे आदर्श बच्चे बनें’ तो ‘जैसी कथनी वैसी करनी’, इस संतवचन की भांति हम पालकों को भी आदर्श प्रस्तुत करना होगा । Read more »