गुढीपाडवा (संवत्सरारंभ)

‘इस दिन ब्रह्मदेवने सृष्टि का निर्माण किया । आदर्श जीवनयापन करनेवाले प्रभू श्रीरामद्वारा दुष्ट वाली का वध भी इसी दिन किया गया था ।’ मित्रो, यह इस दिन का महत्त्व है ! हमें भी इस दिन अनिष्ट कृत्यों का विनाश कर आदर्श जीवन का आरंभ करना चाहिए । Read more »

हनुमान जयंती

जब भी दास्यभक्ति का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण देना हो, तो आज भी हनुमान की रामभक्ति का स्मरण होता है । प्रभु राम की सेवा की तुलना में शिवत्व एवं ब्रह्मत्व की इच्छा भी उन्हें कौडी के मोल लगती । हनुमान अर्थात् शक्ति एवं भक्ति का संग । Read more »

वटपूर्णिमा

यह व्रत स्कंद और भविष्योत्तर के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमापर और निर्णयामृतादिके अनुसार अमावस्यापर किया जाता है । उत्तरभारत में प्रायः अमावस्या को ही होता है । Read more »

नागपंचमी

श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है । इस दिन नागपूजा करने की परंपरा है । प्राचीन काल से ही हिंदु धर्म में नागपूजा के संदर्भ में उल्लेख पाया जाता है, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में की जाती है । Read more »

अपने जीवन में गुरु का महत्त्व !

अपने देश की विशेषता अर्थात् गुरु-शिष्य परंपरा । गुरु ही हमें अज्ञान से बाहर निकालते हैं । गुरु हमारे जीवन के विकारों का अज्ञान दूर कर आनंमय जीवनयापन कैंसे करें, वह हमें सिखाता है । आर्इए हमारे जीवन मे गुरु का कितना महत्त्व है यह प्रस्तुत लेख से देखते है । Read more »

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन अर्थात् भाई-बहन के बीच राखी बांधने-बंधवाने का त्यौहार । भविष्यपुराण अनुसार रक्षाबंधन मूलतः राजाओं का था; अब इसे सभी लोग मनाते हैं । Read more »

नारियल पूर्णिमा

नारियल पूर्णिमापर समुद्र के किनारे रहनेवाले लोग वरुणदेव हेतु समुद्र की पूजा कर, उसे नारियल अर्पण करते हैं । इस दिन अर्पित नारियल का फल शुभसूचक होता है एवं सृजनशक्तिका भी प्रतीक माना जाता है । Read more »

श्री गणेश चतुर्थी

श्री गणेश चतुर्थी पर नित्य की तुलना में पृथ्वीपर श्री गणेशतत्त्व १ हजार गुना अधिक कार्यरत रहता है । श्री गणेश चतुर्थी के दिन मिट्टी का गणपति बनाते हैं । श्री गणेश चतुर्थी काल में की गई श्री गणेशोपासना से श्री गणेशतत्त्व का लाभ अधिक होता है । Read more »

श्री गणेशोत्सव में बच्चों का सहभाग किस प्रकार होना चाहिए ?

विद्यार्थी अर्थात निरंतर ज्ञान ग्रहण करने के लिए प्रयास करनेवाला । विद्या ग्रहण करनी है, तो विद्यापति श्री गणपति की कृपा संपादन किए बिना हम ज्ञान ग्रहण नहीं कर सकते । Read more »