शिक्षा से निम्न बातें साध्य होने पर ही उसे खरी शिक्षा कह सकते हैं !

शिक्षा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्जन करना है । ‘सा विद्या या विमुक्तये ।’ अपने दुःख समाप्त कर निरंतर आनन्द प्राप्त करने का ज्ञान जिस से प्राप्त होता है, उसे ही विद्या कहना चाहिए । Read more »

अभ्यास के माध्यम से गुणसंवर्धन

अभ्यास करते समय स्वयं में गुण कैसे आ सकते हैं अथवा जो गुण हैं उन्हें वृद्धिंगत कैसे कर सकते हैं, इस संबंध में ध्यान में आए सूत्र दे रहे हैं । Read more »

अध्ययन के लिए बैठने के स्थलपर देवताओं के चित्र रखें !

अध्ययन करते समय देवताओं के चित्र रखने से तथा प्रार्थना करने से क्या लाभ होते है इस संबंधी विस्तृत जानकारी प्रस्तुत लेख मे हम देखेंगे । Read more »

श्री संकष्टनाशन गणपतिस्तोत्र का पारायण करें !

कुछ विद्यार्थियों को परीक्षा का डर लगता है । ‘पढा हुआ ध्यान में रहेगा ना ?’, ‘प्रत्यक्ष परीक्षा में लिखते समय स्मरण रहेगा ना?’ ऐसे प्रश्नों से विद्यार्थी तथा अभिभाव कों को तनाव आता है । इस पर आध्यात्मिक उपाय है गणपतिस्तोत्र का पारायण ! Read more »

अभ्यास की पद्धति विकसित करें !

वर्तमान समय में अभ्यास की तकनीक लडकों एवं अभिभावकों को ज्ञात होना आवश्यक है । इस लेख से अभ्यास की आसान तकनीकी कैसे विकसित करे, यह देखेंगे । Read more »

मन की एकाग्रता बढाने के लिए यह कीजिए ।

व्यक्ति की सात्त्विकता बढ़ने पर उसका मन शीघ्र ही एकाग्र होता है । नियोजनपूर्वक एवं एकाग्र मन से की गई कोई भी कृति अधिकाधिक परिपूर्ण होती है और `परिपूर्णता’ का ईश्वरीय गुण व्यक्ति में निर्माण होता है । एकाग्रता बढ़ाने के लिए सात्त्विकता बढ़ानी चाहिए । उसे बढ़ाने के लिए प्रस्तुत मुद्दें को आचरण में लाएं । Read more »

पाठशाला जाने की पूर्वसिद्धता कर, साधिए मन की एकाग्रता

बच्चो, स्मरण कीजिए कि हम पाठशाला जाते समय कैसे जाते हैं ? देर राततक दूरदर्शन के कारण प्रातः उठने के लिए देर होती है। Read more »

कक्षा में खाली घंटों में (ऑफ पीरियड में) क्या करेंगे ?

मित्रो, कक्षा में सप्ताह में एक तो ‘ऑफ’ पीरियड होता है न ? आप इस खाली घंटे में क्या करते हैं ? ‘कैन्टीन’में बैठे गप्पें मारते रहते हैं ? Read more »