पश्चिमी नहीं, हिंदू संस्कृति अनुसार आचरण करें !

१. प्रातः उठनेपर चाय-कॉफी-बिस्किट का सेवन न कर, व्यायाम, स्नान आदि कर दूध पिया करें !

२.‘टेबल-कुरसी’पर नहीं, अपितु पीढा, चौकी अथवा आसनीपर पालथी आसन में बैठकर भोजन करें !

३. अन्न सामने आनेपर वह तुरंत न खाएं, प्रथम ईश्वर से प्रार्थना कर तदुपरांत प्रसाद समझकर ग्रहण करें !

४. सत्यनारायण पूजा, विवाह जैसे धार्मिक कार्यक्रमों के स्थानपर पादत्राण कुछ अंतरपर उतारें !

५. संध्यादीप जलाने के (गो धूलि के) समय दूरदर्शन न देखे । उस समय भगवान के सामने दीपक जलाकर आरती करें और स्तोत्र पढें !

६.पाठशाला के अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ (बुके) देकर नहीं, अपितु फूल देकर अथवा हार पहनाकर करें !

७. मनोरंजन के लिए संगणकीय खेल की अपेक्षा कबड्डी, मल्लखंब जैसे मैदानी खेल खेला करें !

८. शिक्षकों से भेंट होनेपर ‘गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग’ न कहकर, हाथ जोडकर नम्रतापूर्वक ‘नमस्कार’ कहें !

९. पश्चिमी प्रथा मनुष्य का कोई भी हित नहीं करती; इसलिए कल्याणकारी हिंदु संस्कृति का अनुसरण करें और ईश्वर के प्रिय बनें !

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