गुरु आज्ञापालन का महत्त्व !
समर्थ रामदास स्वामीजी के एक शिष्य भिक्षा मांगते हुए वह एक घर के सामने आया । घर का दरवाजा खोलकर एक योगी बाहर आया । योगी अहंकारी थे । योगी ने क्रोध से पूछा, ‘‘कौन है ये समर्थ ? तुम्हारा इतना दुःसाहस की, मेरे दरवाजे पर आकर किसी और का गुणगान कर रहे हो । देखता हूं, कितना समर्थ है तेरा गुरु ? मैं तुम्हें शाप देता हूं… Read more »