रात में शीघ्र सोकर सवेरे शीघ्र उठें !

धर्मशास्त्र में कहा गया है कि प्रत्येक को प्रात: सूर्योदय के पूर्व उठना चाहिए; परंतु आजकल अनेक बच्चे रात को पढाई करते रहते हैं अथवा दूरचित्रवाणीपर धारावाहिक अथवा चलचित्र देखते रहते हैं । Read more »

प्रात: सोकर उठने के उपरांत यह करें !

रात्रि में जब सब नींद में होते हैं, उस समय भगवान सब की रक्षा करते हैं । इस कारण प्रात: नींद खुलते ही सर्वप्रथम भगवान के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए । तत्पश्चात् बिछौनेपर पालथी मारकर निम्नानुसार कृत्य करने चाहिए । Read more »

सायंकाल के समय (दीया जलाने के समय) यह अवश्य करें !

सायंकाल के समय बालकों को खेलना रोककर घर लौटना चाहिए । घर लौटनेपर दूरदर्शन के कार्यक्रम न देखें; अपितु हिंदु संस्कृति में बताए अनुसार निम्नलिखित कृत्य करें । Read more »

निम्नलिखित भोजनसंबंधी सूचनाओं का पालन करें ।

अन्नग्रहण करनेपूर्व की जानेवाली प्रार्थना – ‘हे भगवन, यह अन्न आपके चरणों में अर्पण कर यह आपका प्रसाद है, इस भाव से मैं ग्रहण कर रहा हूं । इस प्रसादद्वारा मुझे शक्ति एवं चैतन्य प्रदान करें ।’ Read more »

घर आए हुए अतिथीओं का स्वागत एवं आवभगत करें !

अतिथि देवतासमान होते हैं । ‘अतिथि के रूप में देवता ही घर आते हैं’, यह हमारी हिंदु संस्कृति की शिक्षा है । अतः बच्चो, केवल माता-धर्म के शिक्षा अनुसार अतिथियों का स्वागत हमें करना चाहीए । Read more »

विद्यालय में खाने के लिए घर के बने खाद्यपदार्थ ही ले जाएं !

आजकल बच्चों को विद्यालय में खाद्यपदार्थ का डिब्बा ले जाने के लिए लाज आती है । उसकी अपेक्षा खरीदकर खाने में अधिक रुचि होती है । आगे दिए लेख में विद्यालय में खाद्यपदार्थ ले जाने के विषय में कुछ सूचनाएं ! Read more »

माता-पिता एवं घर के बडे व्यक्तियों को झुककर नमस्कार करें !

भारतीय परंपरानुसार संध्या के समय दिया-बाती के उपरांत घर से बाहर निकलते समय, यात्रा से घर लौटनेपर, नए कपडे परिधान करनेपर, ऐसे विविध प्रसंगों में घर के बडों के पैर छूने की रीति है । Read more »

पाठशाला से लौटते समय करने योग्य कृत्य

पाठशाला के छूटने के उपरांत सीधे घर आएं । रास्ते में समय व्यर्थ न गवाएं । किसी कारण से यदि विलंब हो रहा हो तो वैसा संदेश भेजें । अन्यथा मां को चिंता होती है । Read more »