वाल्‍या डाकू से वाल्‍मकि ऋषि बनने की कहानी !

वाल्‍मीकि ऋषि का नाम रत्नाकर था । रत्नाकर ऋषि बनने से पहले एक बहुत क्रूर डाकू था, वह घने जंगल में छुपकर बैठता था । जंगल से आने-जानेवाले राहगीरों को रोककर उनकी धन-संपत्ति लूट लेता था तथा उन्‍हें मार डालता था और उस संपत्ति से अपनी पत्नी, बच्‍चों का भरण-पोषण करता था । रत्नाकर को लोग वाल्‍या डाकू के नाम से जानते थे । Read more »

मार्कंडेय ऋषि कथा

मार्कंडेय ऋषि भगवान शिवजी के उपासक थे । मार्कंडेयजी ने कडी तपस्या से शिवजी को प्रसन्न कर दीर्घायु प्राप्त की । यही कथा हम विस्तृत स्वरुप मे देखेंगे । Read more »

नैतिक तत्त्वों का आदर्श

आयुर्वेद के प्रणेता महर्षि चरक औषधि वनस्पतियों की खोज में अपने शिष्यगणों के साथ जंगलों में, खाई-चोटियों में घूम रहे थे । महर्षि चरक ने नैतिक तत्त्वों का पालन कर अपने शिष्यगणों के सामने एक आदर्श खडा कर के अपनी महानता कैसे सिद्ध की, इसका यह कथा से हम देखेंगे । Read more »

असुरों के विनाश हेतु सर्वस्व का त्याग करनेवाले ऋषि दधीचि !

वृत्रासुर का नाश करने के लिए दधीचि ऋषि ने अपने प्राण सहजता से दे दिए । इससे ध्यान में आता है कि ऋषि मुनि कितने महान थे। Read more »