विद्यालय में खाने के लिए घर के बने खाद्यपदार्थ ही ले जाएं !

आजकल बच्चों को विद्यालय में खाद्यपदार्थ का डिब्बा ले जाने के लिए लाज आती है । उसकी अपेक्षा बाहर का खाना खरीदकर खाने में अधिक रुचि होती है । इस लेख में विद्यालय में खाद्यपदार्थ ले जाने के विषय में कुछ सूचनाएं दी गर्इ हैं !

विद्यालय में घर में बनाए गए खाद्यपदार्थ ही ले जाएं !

बच्चो, दुकान में मिलनेवाले केक, बिस्किट, वेफर्स, चिप्स इत्यादि खाद्यपदार्थ बनने के उपरांत कई दिनोंतक वैसे ही रहते हैं । इसके साथ ही उनमें मिलावट होने की भी संभावना होती है । इसलिए ऐसे पदार्थों में पोषणमूल्य अल्प होता है । इस पदार्थ के सेवन से आरोग्यपर विपरीत परिणाम होता है । इसलिए ऐसे पदार्थ विद्यालय में न ले जाएं । घरपर बनाई हुई रोटी-सब्जी, हलवा इत्यादि ताजे और पौष्टिक होते हैं । इसके साथ ही वे अपनी मां के हाथ के बने होते हैं । इसका मूल्य ही चुकाया नहीं जा सकता है ! इसलिए विद्यालय में घर के बने पदार्थ ही ले जाने चाहिए ।

खाद्यपदार्थ ले जाने के विषय में कुछ सूचनाएं

अ. खाद्यपदार्थ खाने से पूर्व हाथ-पैर स्वच्छ धोएं ।

आ. खाद्यपदार्थ ग्रहण करने से पूर्व कुलदेवता अथवा उपास्य देवता से प्रार्थना करें कि, ‘यह अन्न, आपके चरणों में अर्पण कर के आपके प्रसादरूप में इसे ग्रहण कर रहा हूं’, ऐसी प्रार्थना करनी चाहिए । तदुपरांत खाना आरंभ करें ।

इ. यदि कोई विद्यार्थी अपना डिब्बा लाना भूल गया हो, तो उसे अपने डिब्बे का कुछ भाग खाने के लिए दें ।

ई. जितना भी खाद्यपदार्थ डिब्बे में हो, उसे समाप्त करें ।

उ. अन्नकणों को नीचे न गिरने दें । यदि भूल से नीचे गिर जाए, तो उसे उठाकर कूडादान में डाल दें ।

ऊ. पानी पीकर हात और मुंह धोएं ।

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