अमेरिकाके विश्वविद्यालयसे रामायणका महत्व सीखें !

‘न्यूयॉर्कसिटी यूनिर्विसटी'के यॉर्क महाविद्यालयने अपने पाठ्यक्रममें ‘रामायण' महाकाव्य सम्मिलित करनेका निश्चय किया है । इसमें रामायणके मानवीय मूल्योंका अध्ययन किया जाएगा । डॉ. मरसिया कीज एवं डॉ. चेरिलस्मिथ, न्यूयॉर्कमें हुए २१ वें ‘अंतरराष्ट्रीय रामायण परिषद'में उपस्थित हुए थे । उस समय उन्हें ज्ञात हुआ कि ‘रामायण' महाकाव्य देश, धर्म, जाति इत्यादिकी सीमाएं पार करता है; इसलिए सभीके मनको छूता है ।

अतएव उन्होंने न्यूयॉर्कके विश्वविद्यालयके पाठ्यक्रममें रामायणका समावेश करनेका निर्णय लिया है । रामायण परिषदमें रामायणपर आधारित नृत्यनाटिका अमेरिकन कलाकारोंने प्रस्तुत की । अंतर्राष्ट्रीय रामायण परिषदमें, देश-विदेशके शिक्षा-पाठ्यक्रमोंमें सम्मिलित रामायण महाकाव्यपर भिन्न-भिन्न दृष्टिकोणोंसे चर्चा हुई । इस परिषदमें ट्रिनिडाडके भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री वासुदेव पाण्डे उपस्थित थे । उन्होंने रामराज्य तथा वर्तमान प्रशासनपर भाषण दिया । ‘रामायण' महाकाव्य सभीको आकृष्ट करता है । इसलिए, इस महाकाव्यका समावेश अमेरिकन विश्वविद्यालयके पाठ्यक्रममें किया गया है । रामायण परिषदके अध्यक्ष श्री लल्नप्रसाद व्यासने विचार व्यक्त किया है कि यह रामायणका प्रभाव है ।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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