मृत्यु के बाद किए जानेवाले विधी

व्यक्ति की मृत्यु होने के पश्चात के सूतक

दाह संस्कार करने के अधिकार के संदर्भ में सूतक का क्या अर्थ है, सूतक पालन के नियम, सूतक में किन बंधनों का पालन करें एवं शुद्धि के बारे में इस लेख में बताया गया है । Read more »

मृतदेह को दक्षिणोत्तर क्यों रखते हैं ?

जीव की प्रेतवत् अवस्था, पंचप्राणों एवं उपप्राणों के स्थूल देह संबंधी कार्य की समाप्ति दर्शाती है । व्यक्ति की मृत्यु होने के उपरांत उस की देह घर में रखते समय उसके पैर दक्षिण दिशा की ओर क्यों करते हैं ? Read more »

मृत व्यक्ति को अग्नि देने के पश्चात १३ वें दिन तक किए जानेवाले धार्मिक संस्कार

किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसका क्रियाकर्म धर्मशास्त्र में बताए अनुसार पुरोहित से करवाएं । अधिकांश स्थानों पर अंत्यविधि के विषय में ज्ञानी पुरोहित शीघ्र मिलना कठिन होता है । ऐसी स्थिति में साधारणतः  मृत व्यक्ति को अग्नि देने के पश्चात १३ वें दिन तक क्या करना चाहिए यह आगे दिया गया है । Read more »

मृत व्यक्ति को अग्नि देने से पूर्व एवं अग्नि देते समय किए जानेवाले धार्मिक संस्कार

किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसका क्रियाकर्म धर्मशास्त्र में बताए अनुसार पुरोहित से करवाएं । अधिकांश स्थानों पर अंत्यविधि के विषय में ज्ञानी पुरोहित शीघ्र मिलना कठिन होता है । ऐसी स्थिति में साधारणतः क्या करना चाहिए यह आगे दिया गया है । Read more »

मृत्यु के समय मुख में नाम होने का महत्त्व

नाम साधना न करने वाले मनुष्य का अनेक वर्षों तक एक ही योनि में अटके रहना अथवा अनिष्ट शक्तियों के वश में जाती है, जबकि मृत्यु समय जिसके मुख में नाम हो, उसका आगे की गति प्राप्त होती है । Read more »

किसी की मृत्यु पर परिवार के पुरुषों को सिर क्यों मुंडाना चाहिए ?

मृत्योत्तर क्रियाकर्म करने वाले पुरुषों का प्रत्यक्ष विधि में सहभाग होता है, इस कारण उन्हें कष्ट की संभावना अधिक होती है । इस कष्ट से बचने हेतु सिर मुंडाना आवश्यक होता है । यह कष्ट न हो इसके लिए उनका केश पूर्णतःकाटना आवश्यक होता है । Read more »

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