अकबर के विरुद्ध धर्मयुद्ध पुकारनेवाले महाराणा प्रताप !

महाराणा प्रताप ने अकबर के साथ तीन बार युद्ध किया । इन तीनों युद्धों में अकबर महाराणा प्रताप को पराजित नहीं कर सका तथा उन्हें पकड भी नहीं सका । उनकी वीरता प्रतीत करनेवाला यह लेख… Read more »

छत्रपति शिवाजी महाराज आज भी चाहिए !

आज देश को युद्ध की सिद्धता करनेवाले, उसके अभ्यास एवं नियोजन का उत्तरदायित्व स्वयंपर लेनेवाले शिवाजी महाराज जैसे वीर राजाेआें की आवश्यकता है । Read more »

देश और धर्म के लिए प्राण न्यौछावर करनेवाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई !

झांसी की रानी लक्ष्मीबार्इ अपने साहस तथा शौर्य के लिए प्रसिद्ध है । उन्होंने अाखरी दम तक वीरता से शत्रू का सामना किया । प्रस्तुत लेख से उनकी शौर्य गाथा हम देखेंगे । Read more »

भगवान शिव का वाहन – ‘नंदी’ की उत्पत्ती कथा !

मित्रो, शिवजी का वाहन नंदी पुरुषार्थ अर्थात परिश्रम का प्रतीक है। आइए इस कथा से हम देखेंगे की नंदी शिवजी का वाहन कैसे बना । Read more »

जब माता शबरी ने भगवान श्रीराम को खि‍लाए जूठे बेर . . .

शबरी ने बेरों को चखना आरंभ कर दिया । अच्छे और मीठे बेर वह बिना किसी संकोच के श्रीराम को देने लगी । श्रीराम उसकी सरलता पर मुग्ध थे । उन्होंने बडे प्रेम से जूठे बेर खाए । Read more »

छ. शिवराय का महत्त्व जाननेवाले और लोकमान्य तिलक की सहायता करनेवाले रवींद्रनाथ टैगोर !

तिलकजी के स्वराष्ट्र प्रेम के विषय में रवींद्रनाथजी के मन में नितांत आदर था । तिलकजी के मन में भी रवींद्रनाथ की विद्वत्ता और कार्य के विषय में कोई संदेह नहीं था । Read more »

हिंदी भाषा की रक्षा हेतु स्वातंत्र्यवीर सावरकरद्वारा किए गए प्रयत्न

स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी ने अपने क्रांतीकारी जीवनकार्य में भाषा की ओर भी ध्यान दिया । हिंदी भाषा की रक्षा के लिए कौन से प्रयत्न किए यह इस लेख से हम देखेंगे । Read more »

बसंत पंचमी की कथा

बसंत पंचमी के दिन को माता सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। सरस्वती देवी को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। इस कथा से हम सरस्वती देवी की उत्पत्ति कैसे हुर्इ ये देखेंगे । Read more »

मार्कंडेय ऋषि कथा

मार्कंडेय ऋषि भगवान शिवजी के उपासक थे । मार्कंडेयजी ने कडी तपस्या से शिवजी को प्रसन्न कर दीर्घायु प्राप्त की । यही कथा हम विस्तृत स्वरुप मे देखेंगे । Read more »

आदर्श मित्रप्रेम !

कंबन तमिलनाडू का महाकवी था । ओटूक्कूत्तन नाम का उसका एक मित्र था । कंबन तमिल में रामायण की रचना कर रहा है, यह जाननेपर कूत्तन को भी प्रेरणा हुई तथा उसने भी तमिल में रामायण की रचना करना आरंभ किया । Read more »