सत्यकाम जाबाल

प्राचीनकाल में उत्तरी हिन्दुस्थान में जाबाला नाम की एक निर्धन दासी रहती थी । उसका सत्यकाम नाम का एक पुत्र था । जाबाला दिनभर कडा परिश्रम कर अपना तथा अपने प्रिय पुत्र का पेट भरती थी । Read more »

राष्‍ट्र के धन का मितव्‍ययता से उपयोग करनेवाले आचार्य चाणक्‍य !

कहते हैं कि आचार्य चाणक्य के पास एक चीनी यात्री आया था । वह जिस समय मिलने आया था, उस समय चाणक्य ( विष्णुगुप्त, कौटिल्य) कुछ लिख रहे थे । Read more »

समर्पण

एक साधु द्वार-द्वार घूमकर भिक्षा मांग रहा था । वृद्ध तथा दुर्बल उस साधु को ठीक से नहीं दिखाई देता था । वह एक मन्दिर के सामने खडा होकर भिक्षा मांगने लगा । Read more »

आदर्श मित्रप्रेम !

कंबन तमिलनाडू का महाकवी था । ओटूक्कूत्तन नाम का उसका एक मित्र था । कंबन तमिल में रामायण की रचना कर रहा है, यह जाननेपर कूत्तन को भी प्रेरणा हुई तथा उसने भी तमिल में रामायण की रचना करना आरंभ किया । Read more »

विश्व को सुधारना असंभव होने के कारण स्वयं को सुधारना आवश्यक !

बहुत पहले एक राजाकी पुत्री के पांव में कांटा चुभा । साधारणतः राजाएं कुछ प्रमाण में सनकी होते हैं । Read more »