श्रीवल्लभाचार्य

भक्तिकालीन सगुणधारा की कृष्णभक्ति शाखा के आधारस्तंभ तथा पुष्टिमार्ग के प्रणेता श्रीवल्लभाचार्यजी का जन्म संवत १५३५, वैशाख कृष्ण एकादशी के दिन काशी के निकट दक्षिण भारत के कांकरवाड ग्राम मे हुआ । उन्हें अग्नि का अवतार कहा गया है । वे वेदशास्त्रों में प्रवीण थे । Read more »

श्री वासुदेवानंद सरस्वती (१८५४-१९१४)

संत वासुदेवानंद सरस्वती श्री टेंब्येस्वामी के नाम से भी पहचाने जाते थे । उनका उपनाम वासुदेव, पिताजी का गणेशभट्ट, एवं माताजी का रमाबाई तथा दादाजी का नाम हरिभट्ट था । Read more »

संत सावता माली

संत सावता माली संत ज्ञानदेव के समय के एक प्रसिद्ध संत थे । उनका जन्म इ. स. १२५० का है तथा उन्होंने इ. स. १२९५ में देह त्यागी । अरण-भेंड यह सावतोबा का गांव है । सावता माली के दादाजी का नाम देवु माली था, वे पंढरपुर के वारकरी थे । Read more »

संत तुकाराम : भागवत धर्म मंदिर का कलश !

मराठी भक्ति परंपरा में अनन्य साधारण स्थान रखनेवाले संत तुकाराम महाराजने संसार के सर्व सुख-दुःखों का सामना साहस से कर अपनी वृत्ति विठ्ठलचरणों में स्थिर की । भागवत धर्म मंदिर का कलश अर्थात संत तुकाराम महाराज की जानकारी देनेवाला यह लेख … Read more »

श्री माणिक प्रभू

श्री माणिक प्रभू का जन्म निजामशाही के बसव कल्याण के निकट लाडवंती नामक छोटे से गांव में हुआ था । उनका संपूर्ण जीवन विलक्षण चमत्कारों से भरा हुआ दिखाई देता है । Read more »

‘श्रीरामचरितमानस’ के रचियता संत गोस्वामी तुलसीदास

गोस्वामीजी की महानता तथा उनके काव्य के मर्म को समझकर उनका आंकलन करना अत्यंत दुष्कर है; काकभुशुंडीजी श्रीरघुनाथजी के रहस्य (गोस्वामीजी के काव्य के वर्ण्य- विषय) के विषय में बताते हुए कहते हैं । Read more »

संत ज्ञानेश्वरजी

संत ज्ञानेश्वर अर्थात महाराष्ट्रके एक अमूल्य रत्न ! महाराष्ट्रके सांस्कृतिक जीवनमें, परमार्थके क्षेत्रमें ‘न भूतो न भविष्यति’की तरह बेजोड व्यक्तित्व एवं असाधारण जीवनवृत्त अर्थात संत ज्ञानेश्वर ! Read more »

गोंदवलेकर महाराज

किसी भी परिस्थिति में राम का स्मरण रखना तथा उनकी इच्छा से गृहस्थी में स्थित सुख-दुख भोगने हैं, यह गोंदवलेकर महाराजजी के उपदेश का सारांश है । Read more »

श्री नृसिंह सरस्वती (खिस्ताब्द १३७८ से १४५८)

श्री नृसिंह सरस्वती श्री दत्तात्रेय के दूसरे अवतार थे एवं श्रीपाद श्रीवल्लभ पहले अवतार । उन्होंने ही करंजनगर नामक गांव में जन्म लिया । Read more »

महाकवि कालिदास

कालिदास भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधिक कवि हैं । उनके काव्य का समाज श्रुतिस्मृतिप्रतिपादित नियमों का अनुसरण करनेवाला है । Read more »