स्वा. सावरकरजीद्वारा मार्सेलिस में लगाई गई विश्वविख्यात छलांग !

स्वा. सावरकरको अंग्रेजोंने लंदनमें बंदी बनाया । अगला अभियोग हिंदुस्तानके न्यायालयमें चलाने हेतु उन्हें ‘मोरिया’ नामक जलयानपर पुलिसके पहरेमें चढा दिया गया । यात्रामें जलयान फ्रांसके मार्सेलिस बंदरगाहपर रुका । ८ जुलाई १९१० की Read more »

हरगढ

इतिहास में इस किले का कोई विशेष वर्णन नहीं है । क्योंकि यहां कोई बडा युद्ध नहीं हुआ । मुल्हेर गांव में जाने के उपरांत हरगढ के दर्शन होते हैं । Read more »

महिपतगढ

खेड तहसील के पूर्व में रसालगढ-सुमारगढ और महिपतगढ इन पहाडों की पंक्ति हैं । इन पंक्तियों में उत्तर की ओर महिपतगढ है । यह सबसे ऊंचा एवं बडा विस्तृत भी है । Read more »

रायरेश्वर

इसी रायरेश्वर के पर्वतपर शिवाजी महाराजने स्वराज्य की शपथ ली । मात्र यह घटना काल्पनिक है कि सत्य, इस विषय में कुछ निश्चित कहना कठिन है । Read more »

भूदरगढ

कोल्हापुर से लगभग ५०-५५ कि.मी. की दूरीपर भूदरगढ किला है । यह किला यहां के जागृत भैरवनाथजी के देवालय के कारण विख्यात है । Read more »

प्रतापगढ

नीरा और कोयना नदी के तटपर शिवाजी महाराजजीने जो सत्ता प्राप्त `की थी, उस सत्ता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक दृढ अभेद्य दुर्ग को निर्मित करना आवश्यक था और यह दुर्ग था प्रतापगढ । Read more »

प्रबलगढ

प्रबलगढ नाम के अनुरूप ही है । यह दुर्ग सहज ही मुंबई-पुणे महामार्ग से जाते समय हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेता है । Read more »

शिवाजी महाराज : हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक एवं एक आदर्श राज्यकर्ता !

हिंदवी साम्राज्य के संस्थापक तथा एक आदर्श शासनकर्ता के रूप में पहचाने जानेवाले छत्रपति शिवाजीराजे भोसले, एक सर्वसमावेशक, सहिष्णु राजा के रूप में महाराष्ट्र एवं अन्यत्र भी वंदनीय हैं । Read more »

शिवराज्याभिषेक

सिंहासनारूढ होने हेतु, बत्तीस मन का सुवर्णका सिंहासन तैयार करवाया । अमूल्य नवरत्न जितने कोष में थे, उनमें से खोजकर बहुमूल्य रत्न सिंहासन में जडवाए गए । रायरी का नाम ‘रायगड’ रखा गया । Read more »