प्रबलगढ
प्रबलगढ नाम के अनुरूप ही है । यह दुर्ग सहज ही मुंबई-पुणे महामार्ग से जाते समय हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेता है । Read more »
प्रबलगढ नाम के अनुरूप ही है । यह दुर्ग सहज ही मुंबई-पुणे महामार्ग से जाते समय हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेता है । Read more »
हिंदवी साम्राज्य के संस्थापक तथा एक आदर्श शासनकर्ता के रूप में पहचाने जानेवाले छत्रपति शिवाजीराजे भोसले, एक सर्वसमावेशक, सहिष्णु राजा के रूप में महाराष्ट्र एवं अन्यत्र भी वंदनीय हैं । Read more »
मराठों के इतिहास में अनेक पराक्रमी सरदार हुए हैं । उनमें से होलकर घराने की अहिल्याबाई का नाम आज भी अनेकों के मुखपर हैं । अहिल्याबाई को ‘पुण्यश्लोक’ भी कहा जाता है.. Read more »
सिंहासनारूढ होने हेतु, बत्तीस मन का सुवर्णका सिंहासन तैयार करवाया । अमूल्य नवरत्न जितने कोष में थे, उनमें से खोजकर बहुमूल्य रत्न सिंहासन में जडवाए गए । रायरी का नाम ‘रायगड’ रखा गया । Read more »
देशभक्त नारायणका जन्म २५ मई, १८८८ को हुआ । सावरकर प्रारंभसे ही सुखी संपन्न घरानेके थे; परंतु एकपर एक आकस्मिक संकटों तथा आपत्तियोंके कारण उनका बचपन अत्यंत कष्टों एवं विषम परिस्थितियोंमें बीता । Read more »
स्वा. सावरकरको अंग्रेजोंने लंदनमें बंदी बनाया । अगला अभियोग हिंदुस्तानके न्यायालयमें चलाने हेतु उन्हें ‘मोरिया’ नामक जलयानपर पुलिसके पहरेमें चढा दिया गया । यात्रामें जलयान फ्रांसके मार्सेलिस बंदरगाहपर रुका । ८ जुलाई १९१० की Read more »
संभाजीराजाने जो अलौकिक कार्य अपनी अल्प आयु में किए, उसका प्रभाव संपूर्ण हिंदुस्तानपर पडा । इसलिए प्रत्येक हिंदु को उनका कृतज्ञ होना चाहिए । Read more »
जिनके आदर्शपर चलें ऐसे कई पराक्रमी, वीर हिंदुस्तान के १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम में विख्यात हुए । उन सबमें असाधारण पराक्रम दिखानेवाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई…. Read more »
स्वामी विवेकानंदका मूल नाम था नरेंद्रनाथ था । उनका जन्म १२ जनवरी १८६३ के दिन कोलकातामें हुआ । Read more »
कौरव-पांडव कालमें तारोंके जगतके विशेषज्ञ गर्गमुनिजीने नक्षत्रोंकी खोजकी । गर्गमुनिजीने श्रीकृष्ण एवं अर्जुनके जीवनके संदर्भमें जो कुछ भी बताया वह शत प्रतिशत सत्य सिद्ध हुआ । Read more »