महाशिवरात्रि

निम्नलिखित लेख में शिवजी की जानकारी, उनका कार्य, उनकी उपासनापद्धति तथा शिवजी की भक्ति करने से होनेवाले लाभ इत्यादि के विषय में सूत्र देखेंगे । Read more »

‘होली’ के त्यौहारके समय होनेवाले अनाचार रोककर ईश्वरकी कृपा संपादन करें !

धर्मशिक्षा न मिलनेसे प्रत्येक त्यौहार क्यों एवं कैसे मनाना चाहिए, उसके पीछे क्या शास्त्र है, यह हमें ज्ञात नहीं है; इसलिए हमारे त्यौहारोंमें अनेक अनाचार होते हैं । यह अनाचार रोकनेके लिए प्रत्येक हिंदू बच्चेको धर्मशिक्षा लेना आवश्यक है । Read more »

होली की पौराणिक कथा

होली त्यौहार मनाने के पिछे हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका की कथा अत्यधिक प्रचलित है। यह कथा विस्तार से देखेंगे । Read more »

दीपावली के निमित्त से सात्त्विक रंगोलियां !

कृष्णतत्त्व की रंगोलि : १३ ते १७ बिंदु लक्ष्मीतत्त्व की रंगोलि : ११ बिंदु ११ रेखाएं संदर्भ : सनातन-निर्मित लघुग्रंथ, ‘सात्त्विकरंगोलियां’

श्री गणेश पूजन में प्रयुक्त विशेष वस्तुएं एवं उनका शास्त्रीय आधार

लाल रंग के कारण वातावरण से गणपति के पवित्रक मूर्ति में अधिक मात्रा में आकृष्ट होते हैं व मूर्ति के जागृतिकरण में सहायता मिलती है । क्यूंकि यह समझना कठिन है, इसलिए ‘गणपति को लाल वस्त्र व रक्तचंदन प्रिय हैं’, ऐसा कहकर यह विषय प्राय: समाप्त कर दिया जाता है । Read more »

गणपति को तुलसी न चढ़ाने का कारण

पौराणिक कारण : ‘एक अतिसुंदर अप्सरा को उत्तम पति की इच्छा थी । इसके लिए वह सदा उपवास, जप, व्रत, तीर्थयात्रा आदि करती थी । एक बार जब उसने ध्यानमग्न गणपति को देखा, तो उसे वे भा गए । Read more »

संवत्सरारंभ (नववर्ष)

इसवी सन् १ जनवरी से, आर्थिक वर्ष १ अप्रैल से, हिंदू वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से, व्यापारी वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से, शैक्षणिक वर्ष जून से आरंभ होता है । सौर वर्ष, चंद्र वर्ष व सौर-चांद्र वर्ष (लूनी सोलर), इन वर्षों के भी अलग-अलग वर्षारंभ है । Read more »

होली एवं रंगपंचमी के समय अनुचित कृतियां न करें !

होली अर्थात् दुष्प्रवृत्ति तथा अमंगल विचारों का नाश कर, सत्प्रवृत्ति का मार्ग दिखानेवाला उत्सव । होली मनाने में उदात्त भावना यह है कि, अग्नि में वृक्षरूपी समिधा अर्पण करने से वातावरण की शुद्धि हो । Read more »