धर्म-अधर्म के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण समान सारथी होने का ध्येय रखनेवाले स्वामी विवेकानंद

नरेंद्र ने (स्वामी विवेकानंदजी ने) केवल भारत में ही नहीं, अपितु पश्‍चिमी देशों में भी ‘सनातन धर्म’की ध्वजा फहरायी । उनकी बालक अवस्था मे घटित एक प्रसंग इस कथा से पढेंगे । Read more »

भक्त दामाजीपंत

भक्त दामाजी भगवान पांडुरंग के निस्सीम भक्त थे । राज्य मे आया संकट दूर करने के लि्ए उन्होने सम्राट से पूछे बिना गोदाम से धान लोगों मे बाटा । यह बात राजा को पता चलने के बाद पांडुरंग के अपने भक्त का कैसे रक्षण किया यह इस कथा से देखेंगे । Read more »

समर्थ रामदासस्वामी का नारायण से राष्ट्रीय संत समर्थ रामदास स्वामी तक की विलक्षण यात्रा

भारत संतों की भूमि है । ऐसा होते हुए भी राष्ट्रहित के लिए कार्य करनेवाले संतों की संख्या बहुत कम है । उनमें से एक अर्थात समर्थ रामदास स्वामी ! उनके बचपन में घटे कुछ प्रसंग एवं उनकी साधना की यात्रा के बारे में यहां संक्षेप में दे रहे हैं । Read more »

रामभक्त त्यागराज

लगभग ४०० वर्ष पूर्व तमिलनाडू में त्यागराज नामक रामभक्त हुए । वे उत्तम कवि भी थे । वे प्रभु राम के स्वयंरचित भजन गाया करते थे । आइए उनके विषय में एक कथा यहा पढेंगे…. Read more »

अनंत चतुर्दशी व्रत कथा

भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है । इसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है । इस संदर्भ मे पौराणिक कथा यहा देखेंगे । Read more »

वामन अवतार कथा

वामन अवतार भगवान विष्णु का महत्वपूर्ण अवतार माना जाता है. भगवान की लीला अनंत है और उसी में से एक वामन अवतार है इसके विषय में श्रीमद्भगवदपुराण में विस्तार से उल्लेख है ` Read more »

संत भक्तराज महाराज और विठ्ठल

संत भक्तराज महाराजजी ने भगवान श्रीविठ्ठल के गले में हार पहनाया और पुडियामें से एक पेडा निकालकर श्रीविठ्ठल के मुख में लगाया । तब आधा पेडा अचानक अदृश्य हो गया । Read more »