रणरागिनी महारानी दुर्गावती

गोंडवाना को स्वतंत्र करने हेतु जिसने प्राणांतिक युद्ध किया और जिसके रुधिर की प्रत्येक बूंद में गोंडवाना के स्वतंत्रता की लालसा थी, वह रणरागिनी थी महारानी दुर्गावती । उनका इतिहास हमें नित्य प्रेरणादायी है । Read more »

महाकवि कालिदास

कालिदास भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधिक कवि हैं । उनके काव्य का समाज श्रुतिस्मृतिप्रतिपादित नियमों का अनुसरण करनेवाला है । Read more »

राजमाता जीजाबाई

जन्म और पारिवारिक जीवन मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी राजा भोसलेकी माता जीजाबाईका जन्म सिंदखेड गांव में हुआ था । यह स्थान वर्तमानमें महाराष्ट्रके विदर्भ प्रांतमें बुलढाणा जिलेके मेहकर जनपदके अन्तर्गत आता है । Read more »

बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल

मध्यकालीन भारत में विदेशी आतताइयों से सतत संघर्ष करने वालों में छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप और बुंदेल केसरी छत्रसाल के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं । बुंदेल केसरी छत्रसाल को ‘शत्रु और संघर्ष’ ही विरासत में मिले थे । Read more »

क्रांतिकारी बिरसा मुंडा

सुगना मुंडा और करमी हातू के पुत्र बिरसा मुंडा का जन्म १५ नवंबर १८७५ को झारखंड प्रदेश में रांची के उलीहातू गांव में हुआ था । ‘बिरसा भगवान’के नाम से लोकप्रिय बिरसा का जन्म बृहस्पतिवार को हुआ था, Read more »

मराठा साम्राज्य का भय संपूर्ण हिन्दुस्तान में निर्माण करनेवाले ज्येष्ठ बाजीराव पेशवे

ज्येष्ठ बाजीराव पेशवा (अगस्त १८, १६९९ – अपै्रल २५, १७४०) मराठा साम्राज्य के चौथे छत्रपति शाहू महाराज के १७२० से आजीवन पेशवा (मराठों के प्रधान मंत्रियों की उपाधि) थे । Read more »

मेवाड़ का अपराजित राजा महाराणा प्रताप

राजपूताने की वह पावन बलिदान-भूमि, विश्व में इतना पवित्र बलिदान स्थल कोई नहीं । इतिहास के पृष्ठ रंगे हैं उस शौर्य एवं तेज़ की भव्य गाथा से । Read more »

मैडम कामा

मैडम कामा का जन्म २४ सितंबर सन् १८६१में एक पारसी परिवार में हुआ । मैडम कामा के पिता प्रसिद्ध व्यापारी थे । मैडम कामाने अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्राप्त की । Read more »

भगवान परशुराम

वैशाख शुक्ल द्वितीया को परशुराम जयंती है । इस उपलक्ष्यमें भगवान परशुरामसे संबंधित जानकारी प्राप्त करते हैं । Read more »