संत जनाबाई

संत जनाबाईने अपने अभंगोंमें अपना नाम ‘दासी जनी’, ‘नामदेवकी दासी’ तथा ‘जनी नामयाची’ ऐसा लिखा है । वह संत नामदेवजीके घर दासीके रूपमें कैसे आई ? Read more »

साहसी पृथ्वीसिंह

एक बार सम्राट औरंगजेबने एक बहुत बडे बाघ को पकडा । अगले दिन उसने घमंड से राजसभा में पूछा, ‘‘ऐसा बाघ आपमें से किसीने कभी देखा है क्या ?’’ मुगलों की दास्यता विवशता से स्वीकारनेवाले जोधपुर के राणा Read more »

देशसेवा व लोकजागृति के लिए अंतिम श्वासतक तन, मन, धन अर्पण कर लडनेवाले लोकमान्य तिलक !

हिंदुओं को संगठित कर, उनकी प्रतिकार शक्ति बढ़ाने व राजकीय मतों का प्रसार करने हेतु लोकमान्य तिलकने राष्ट्रकार्य के लिए लोकजागृति के साधन उपलब्ध करवाए । Read more »

संत नामदेव

एक बार संत ज्ञानेश्वर और संत नामदेव दोनों एक साथ तीर्थयात्रापर निकले । वाराणसी, गया, प्रयाग घूमते-फिरते वे औंढ्या नागनाथ पहुंचे । Read more »

वराहमिहिर

ग्रहोंका वैज्ञनिक दृष्टिसे अध्ययन करनेवाले ५वें शतकके सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलशास्त्री वराहमिहिरजीने खगोलशास्त्र, फलज्योतिषविज्ञान आदि विषयोंका गहन अध्ययन किया था । Read more »

रानी लक्ष्मीबाई

जिनके आदर्शपर चलें ऐसे कई पराक्रमी, वीर हिंदुस्तान के १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम में विख्यात हुए । उन सबमें असाधारण पराक्रम दिखानेवाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई…. Read more »