‘पर्यावरणीय युद्धतंत्र’के आवाहन !

‘गत कुछ वर्षों से शत्रुराष्ट्रों को हराने हेतु शत्रु की नैसर्गिक साधन संपत्ति अधीन में लेने के साथ ही पर्यावरण को भी किसी शस्त्र समान प्रयोग किया जाता है ! Read more »

जलप्रदूषण

बढती लोकसंख्या के कारण घरेलू, गंदापानीr, साबुनयुक्त, तेलयुक्त, सेंद्रीय-असेंद्रीय पदार्थ ऐसे प्रकार के पानी बडे प्रमाण में नदियां, नालोंद्वारा सीधे समुद्र में आते हैं । Read more »

नर्मदा नदी

भारतीय संस्कृति में नर्मदा नदी का विशेष महत्त्व है । जिस प्रकार उत्तर भारत में गंगा-यमुना नदियों की महिमा है, उसी प्रकार मध्य भारत में नर्मदा नदी जन-जन की आस्था से जुडी हुई है। Read more »

चित्रकूट

भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में उत्तरप्रदेश राज्य में स्थित ‘चित्रकूट’ प्रमुख माना जाता है । लोगों का विश्वास है कि भगवान श्रीराम देवी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण सहित चित्रकूट के घने जंगलों में अपने वनवास काल में थे । Read more »

संवत्सरारंभ (नववर्ष)

इसवी सन् १ जनवरी से, आर्थिक वर्ष १ अप्रैल से, हिंदू वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से, व्यापारी वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से, शैक्षणिक वर्ष जून से आरंभ होता है । सौर वर्ष, चंद्र वर्ष व सौर-चांद्र वर्ष (लूनी सोलर), इन वर्षों के भी अलग-अलग वर्षारंभ है । Read more »

होली एवं रंगपंचमी के समय अनुचित कृतियां न करें !

होली अर्थात् दुष्प्रवृत्ति तथा अमंगल विचारों का नाश कर, सत्प्रवृत्ति का मार्ग दिखानेवाला उत्सव । होली मनाने में उदात्त भावना यह है कि, अग्नि में वृक्षरूपी समिधा अर्पण करने से वातावरण की शुद्धि हो । Read more »

काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी

वाराणसी को बनारस तथा काशी के नाम से भी जाना जाता है, यह उत्तर प्रदेश राज्य का प्रमुख शहर है । पवित्र नदी गंगा के किनारे स्थित इस शहर का हिंदुओं के लिए अत्यंत धार्मिक महत्त्व है । Read more »

सुभाषिते – २

शैले शैले न माणिक्यं मौक्तिकं न गजे गजे साधवो न हि सर्वत्र चन्दनं न वने वने ।।
अर्थ : हर एक पर्वतपर माणिक नहीं होते, हर एक हाथी में (उसके गंडस्थलमें ) मोती नहीं मिलते साधु सर्वत्र नहीं होते । Read more »