प्रल्हाद कथा

यह कथा श्री वसिष्ठजी द्वारा श्रीरामजी को योगवसिष्ठ में विद्यमान उपशम प्रकरण में कथन की गई है । इससे यह स्पष्ट होता है कि उपासना के योग से ईश्वर की कृपा प्राप्त कर ज्ञान संपन्नता आती है और आत्मज्ञान प्राप्त होने हेतु स्वयं के प्रयासों एवं विचारों की आवश्यकता है । Read more »

मेरे पास भयंकर शस्त्र है । – स्वातंत्र्यवीर सावरकर

‘एक समय लंदन में गुप्तचरों ने स्वा. सावरकरजी को जांच-पडताल के लिए रोका और कहा, ‘‘महाशय, क्षमा कीजिए, हमें आपपर शंका है । Read more »

सत्संग की महिमा रखने हेतु जड भरत का वैयक्तिक अपमान की ओर ध्यान न देना

‘एक बार राजा रहूगण पालकी में बैठकर कपिल मुनि के आश्रम जा
रहे थे । पालकी का एक सेवक अस्वस्थ हो गया । Read more »

श्री गणेशदास

एक सत्पुरुष काशीक्षेत्र में रहते थे जिन्होंने पुराण एवं उपनिषदों का पूर्ण अध्ययन किया था । उनका नाम ‘गणेशदास’ था । जैसे महाराष्ट्र में रामदास वैसे ही काशीक्षेत्र में गणेशदास ! Read more »

अक्लमंद हंस

एक विशाल पेड था । उसपर सहस्र हंस रहते थे । उनमें एक बुद्धिमान और दूरदर्शी हंस था । उन्हें सभी आदरपूर्वक ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे । पेड के तने पर जड के निकट नीचे लिपटी हुई एक बेल को देखकर ताऊने कहा ‘‘देखो, इस बेल को नष्ट कर दो । Read more »

श्रीगणेश एकदंत कैसे हुए ?

कार्तवीर्य का वध कर कृतार्थ हुए भगवान परशुरामजी कैलासपर गए । वहां उनकी भेंट सभी गणों से तथा गणाधीश गणपति से भी हुई । शंकरजी के दर्शन की इच्छा श्रीपरशुराम के मन में थी; परंतु उस समय शिव-पार्वतीजी विश्राम कर रहे थे ।
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संदेह

एक विद्यार्थी था । वह शंकाएं अधिक पूछता था । उसमें भी अनावश्यक शंका ही अधिक पूछता था । वह सदा गुरु को कहता था,‘‘मुझे ईश्वर का दर्शन शीघ्र करवाइए । Read more »

स्वामी दयानंदजी का दृष्टांत

स्वामी दयानंदजी के विषयमें एक सुंदर कथा कहते हैं । स्वामी दयानंदजी एक बार ऋषिकेश गए थे । उस कालखंड में अनेक सिद्ध पुरुष ऋषिकेश में जाकर वास्तव्य किया करते थे । आज भी ऐसा कहा जाता है कि, हिमालय के परिसर में अनेक सिद्ध पुरुष वास कर रहे हैं । Read more »

अहंकार

शंकराचार्य हिमालय की ओर यात्रा कर रहे थे । तब उनके साथ उनके सभी शिष्य थे । सामने अलकनंदा नदी का विस्तीर्ण पात्र था । Read more »

ईश्वर का नामजप करनेवालों को काल का भय नहीं होता

संत कबीरजी एक बार बाजार से जा रहे थे, मार्ग में उनको एक व्यापारी की पत्नी चक्की पिसती दिखाई दी । चक्की को देख के कबीरजी को रोना आ गया । Read more »