श्रीविष्‍णु के स्‍मरण हेतु श्‍लोक

यस्य स्मरणमात्रेण जन्मसंसारबन्धनात् ।
विमुच्यते नमस्तस्मै विष्णवे प्रभविष्णवे ॥

अर्थ : जिन्‍होंने संपूर्ण विश्‍व की रचना की है, जिनके स्‍मरण मात्र से मनुष्‍य जन्‍म-मृत्‍यु के बंधन से मुक्‍त हो जाता है, ऐसे श्री विष्‍णु को मैं बार-बार नमस्‍कार करता हूं ।

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