‘बालसंस्‍कार ‘एप’ के विषय में

देश का भविष्‍य और आदर्श पीढी बनाने में सहायता करनेवाला ‘बालसंस्‍कार ‘एप’ !

बालक अभिभावक, समाज और संपूर्ण संसार का भविष्‍य हैं । बालकों का गठन जिस प्रकार होता है, वैसा ही गठन संसार का भी होता है । अपने बालकों को सुसंस्‍कृत कर उन्‍हें संसार का आदर्श नागरिक बनाने का दायित्‍व वर्तमान प्रौढ लोगों पर है । यह ध्‍यान में रखकर हम (सनातन संस्‍था और हिन्‍दू जनजागृति समिति ? सौ. आमाती) ‘बालसंस्‍कार’ नामक ‘एप’ अंग्रेजी, हिन्‍दी, मराठी और कन्‍नड इन ४ भाषाओं मेें उपलब्‍ध करवा रहे हैं ।

विविध विषयों पर मार्गदर्शन करनेवाला ‘बालसंस्‍कार ‘एप’ 

‘बालसंस्‍कार’‘एप’ पर निम्‍न विषयों पर मार्गदर्शनपरक जानकारी उपलब्‍ध हैे,

१. बालकों पर अच्‍छे संस्‍कार करना

२. छोटी आयु में ही बालकों में धर्माचरण का बीज अंकित करना

३. सत्‍यनिष्‍ठता, देशभक्‍ति आदि गुण बाल्‍यावस्‍था में ही आत्‍मसात करना

४. आदर्श भावी पीढी का निर्माण करने के लिए अभिभावकों को उचित दृष्‍टिकोण उपलब्‍ध करवाना

५. आदर्श व्‍यक्‍तित्‍व का गठन करना

६. हमारे राष्‍ट्र अर्थात हिन्‍दू राष्‍ट्र की आदर्श भावी पीढी निर्माण करना

बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए मार्गदर्शन करनेवाला और भारत का वैभवशाली एवं तेजोमय इतिहास बतानेवाला ‘बालसंस्‍कार ‘एप’

‘बालसंस्‍कार ‘एप’ में ‘अध्‍ययन कैसे करना चाहिए ? समय का उचित नियोजन कैसे करना चाहिए ? व्‍यक्‍तित्‍व का विकास, गुणसंवर्धन और अपने बालकों का सर्वांगीण विकास’ इस संदर्भ में अभिभावकों के लिए मार्गदर्शनपरक सूत्रवाले विविध लेख उपलब्‍ध हैं । भारत का वैभवशाली और तेजोमय इतिहास का समावेश भी इस ‘एप’ में किया गया है । वह इतिहास पढकर बालक अधिक सीखने हेतु प्रेरित होंगे और उनके मन में हमारे इतिहास के प्रति अभिमान उत्‍पन्‍न होगा ।

बोधप्रद कथाएं : छोटी-छोटी बोधप्रद कथाएं शिक्षा का एक माध्‍यम हैं । इनसे ही बालक मूलभूत तत्त्व, उदा. आदर करना, चिंता करना/सतर्कता, सत्‍यवादिता, प्रामाणिकता, शौर्य, चतुराई आदि शीघ्र सीखते हैं ।

‘आपके बालकों को आदर्श बनाने के लिए ‘बालसंस्‍कार ‘एप’ मार्गदर्शक सिद्ध हो’, यह ईश्‍वर के चरणों में प्रार्थना है !