वृक्ष एवं वनों की कटाई

रविवार का न्यूयाॅर्क टाइम्स समाचार-पत्र १५० पृष्ठों का छपता है । इतने पृष्ठों के लिए चार वृक्ष काटने पडते हैं ! इस प्रकार, विश्व में विकास के नामपर अनेक वन नष्ट होते जा रहे हैं । इसका गंभीर परिणाम होने लगा है ।

अ. परिणाम

१. आज सभी पर्वत एवं वन वृक्ष कटाई के कारण सुनसान हो गए हैं । इससे औषधीय वनस्पतियों का मिलना दुर्लभ हो गया है तथा वर्षा भी नहीं हो रही है । – प.पू. परशराम माधव पांडे महाराज

२. वृक्ष कटाई की मात्रा में वृक्षारोपण नहीं होने के कारण इस बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पत्ति का अत्यन्त तीव्र गति से -हास हो रहा है । इससे जीवों एवं पर्यावरण का संतुलन बिगड रहा है । पत्थर तोडने से पर्वत चोटियां भी सुनसान हो रही हैं तथा आसपास के क्षेत्र में वर्षा घट रही है ।

३. अन्तहीन वृक्ष कटाई से निराश्रित हुए प्राणी, गांवों में आश्रय ढूंढने लगे हैं । परिणामस्वरूप, आजकल देश के अनेक गांवों में चीतों के घुसने की घटनाएं हो रही हैं ।

आ. वन से लाभ

१. वृक्ष, वायुमण्डल की कार्बनडाई ऑक्साइड शोषित कर उसमें प्राणवायु छोडते हैं ।

२. अनेक वृक्ष वायुमण्डल में ओजोन की मात्रा बढाने में सहायक होते हैं ।

३. दुर्लभ प्राणियों तथा वनौषधियों की रक्षा वन के ही कारण होती है ।

४. घने वन वायु से ऊष्म वाष्प शोषित कर, वातावरण को शीतल रखते हैं ।

५. वनक्षेत्र में वर्षा अधिक तीव्र होती है । वनों के कारण इसे रोकने में सहायता होती है और भूगर्भ में पानी का स्तर बढता है ।

६. गहरी जडोंवाले वन के कारण वर्षा से होनेवाले भूमि के क्षरणपर रोक लगती है तथा भूमि की उर्वरता बची रहती है ।

आ. १. वृक्ष के कार्य

१. प्राणवायु का (ऑक्सिजनका) उत्पादन

२. वायुप्रदूषण रोकना

३. भूमि की उर्वरता बचाना तथा कटाव रोकना

४. भूगर्भ स्थित जल का स्तर तथा वायु में आद्र्रता का स्तर बनाए रखना

५. पशु-पक्षियों को आश्रय देना

६. प्रथिन में (प्रोटीन में) रूपान्तर करना

इ. वर्तमानास्थति

१. ‘एक वृक्ष काटने से १७ लाख रुपयों की हानि होती है । किन्तु, महापालिका वृक्ष काटनेवालों को १०० से १००० रुपए दण्ड करती है ।

२. वृक्षारोपण किए हुए ७०-८० प्रतिशत वृक्ष मर जाते हैं । – ( दादूमिया, धर्मभास्कर.)

र्इ. उपाय

१. वन की कटाई रोककर वहां नए वृक्ष लगाए जाएं तथा उचित देखभाल कर उनके विकासपर ध्यान दिया जाए । अन्य स्थानोंपर भी वृक्षारोपण कर उनकी उचित देखभाल की जाए । आप ग्रामवासी हैं, तो अपने घर के आसपास नीम, पीपल, तुलसी इत्यादि प्रकार के वृक्ष अवश्य लगाएं तथा गोपालन भी करें । इससे आपके परिजन स्वस्थ रहेंगे ।’ – (गीता स्वाध्याय)

२. किसी को शुभकामना देते समय उसे एक वृक्ष का पौधा अवश्य भेंट दें ।

३. इजरायलने अपने क्रांतिकारियों का स्मरण, स्वजनों का प्रेम, देशभक्तों का अभिमान, विद्वानों का आदर व्यक्त करने के लिए तथा उनकी स्मृति सुरक्षित करने के लिए वृक्षारोपण कर इनके संरक्षण एवं संवर्धन की उचित व्यवस्था की । फलस्वरूप, आज वहां ६०० से अधिक घने वन हैं । इन वनों में ११ अब्ज से अधिक वृक्ष हैं । वहां के हुतात्मा वन में ६० लाख वृक्ष हैं । ऐसे स्मृति वृक्षों की छाया पूरे इजरायल में है ।

संदर्भ :घनगर्जित, सितम्बर २००८