बच्चों पर अल्पायु में ही संस्कार कैसे करें ?

संस्कार की नींव अर्थात अनुशासन । प्रत्येक कृति के लिए यदि अनुशासन, नियम नहीं बनाए, तो वह कृति अपूर्ण होती है । प्रात: उठने से लेकर रात्री सोनेतक अनुशासन का अचूकता से पालन करें, तो अध्यात्म में शीघ्र प्रगति होती है । उसके लिए बाल्यावस्था में ही अनुशासन का संस्कार बालमनपर अंकित करना चाहिए । Read more »

बच्चों को अच्छी आदतें लगने हेतु उनपर करने योग्य घरेलू मानसोपचार

‘विश्व ही एक रंगभूमि है’, एक मानसशास्त्री कहता है, ‘‘घर ही प्राथमिक रंगभूमि है । वहां कौन से पात्र को कैसे निभाना है, यह बच्चे सीखते हैं ।’’ Read more »

अभिभावकों, बच्चों को अनुशासित करने के लिए प्रतिदिन निम्न कृति करें !

बच्चे अनुकरणप्रिय होते हैं । जन्म से ही वे अपने मां-पिता का सतत निरीक्षण करते हैं । इस कारण अधिकांश बच्चों के चलने, बोलने एवं आचरण करने का पद्धति अपने माता-पिता के समान होती है । Read more »

अभिभावक अपने बच्चों के साथ किस प्रकार के व्यवहार करें ?

१. बच्चे पर अपना अधिकार नहीं जमाएं; अपितु उनके साथ मित्रता का व्यवहार करें ।
२. प्रत्येक कृत्य करने के लिए प्रेम से कहें । Read more »

अभिभावकों के कर्तव्य कौनसे हैं ?

ई.स. १९५० में बालक एवं युवा बच्चों के संबंध में मिड सेंच्युरी वाईट हाऊस परिषद में विद्यमान सभासदोंद्वारा ली गई शपथ में समाविष्ट अभिभावकों के मुख्य कर्तव्य एवं बच्चों को दिए आश्वासन आगे दिए अनुसार हैं । Read more »

अभिभावको, हमारे युवकों की नैतिकता घट रही है !

पूर्वकाल में सायंकाल दीप लगाने के समय घर आने की परम्परा थी । आज स्थिति यह है कि अभिभाव रात्रि में विलम्ब से आनेवाले अपने लडके की प्रशंसा करते नहीं थकते । Read more »

अभिभावकों, बच्चों के अर्थहीन नाम रखने से होनेवाले परिणाम जान लें !

अध्यात्मशास्त्र के अनुसार बच्चों के नाम रखने से क्या लाभ होते है, यह हम प्रस्तुत लेख से देखेंगे । Read more »

२ से ५ वर्षतक के बच्चोंपर कौन – कौन से संस्कार करें ?

बालमनपर जिस प्रकार के संस्कार किए जाते है, उसी के अनुसार आगे के काल में बच्चों का वैसा ही स्वभाव हो जाता है । बालआयु में होनेवाले संस्कारों के कारण ही बच्चों का व्यक्तित्व निर्भर करता है । Read more »

बच्चों के व्यक्तित्व का विकास कैसे करें ?

‘अभिभावकों, हम केवल एक बच्चे के अभिभावक न होकर राष्ट्र के अभिभावक हैं । आज हम देखते हैं कि समाज एवं राष्ट्र की स्थिति अच्छी नहीं है । इसका कारण यह है कि हम अभिभावक के रूप में राष्ट्र को सुसंस्कारित पीढी नहीं दे सके । Read more »