राजा शिबी !

शिबी राजा एक बहुत दयालू और न्यायी राजा था । उसके इस वृत्ती से उसने शरण में आए एक कबुतर के प्राण बचाने के लिए अपने प्राणों को अर्पित करने की सिद्धता दिखार्इ, यही कथा विस्तार से देखेंगे । Read more »

छत्रपति शिवाजी महाराज और रायरेश्वर गढ

केवल १६ वर्ष की आयु में ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज स्थापित करने की प्रतिज्ञा की । गिने-चुने मावलों में धर्मप्रेम की जागृति कर उन्हें लडना सिखाया और स्वराज की संकल्पना से उन्हें अवगत कराया । Read more »

स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज

आबाजी सोनदेव ने आगे बढकर शिवाजी महाराज को अभिवादन किया और सील-बंद कोशका संदूक प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘‘आपके आशीर्वाद से हमने बीजापुर का यह कोश अपने अधिकार में ले लिया है । Read more »

अंतिम क्षण तक साथ देनेवाला महाराणा प्रताप का स्वामीनिष्ठ घोडा चेतक !

बालमित्रों, भारत के इतिहास में राजा महाराणा प्रताप का नाम अमर है । महाराणा प्रताप राजस्थान के शूरवीर एवं स्वाभिमानी राजा थे । Read more »

दानवीर कर्ण

बालमित्रों, कर्ण दुर्योधन का घनिष्ठ मित्र था । वह एक महान दानी के रूप में प्रसिद्ध था । वह अपने पास आए किसी भी याचक को कभी खाली हाथ नहीं लौटाता था, ऐसी उसकी कीर्ति थी । Read more »

गुणों का महत्‍व

एक राजा था, जिसका नाम रामधन था । उसके राज्‍य का कामकाज आराम से चल रहा था । राजा के नैतिक गुणों के कारण प्रजा भी प्रसन्‍न थी । राजा के राजकुमार का नाम नंदनसिंह था । अत्‍यधिक लाड-प्‍यार ने नंदनसिंह को बिगाड दिया था । वह अत्‍यंत जिद्दी हो गया था । राजा ने उसे गुरु राधागुप्‍त के आश्रम भेज दिया । Read more »