छत्रपति शिवाजी महाराज की गुरुभक्ति !

छत्रपति शिवाजी महाराज अपने गुरुदेव समर्थ रामदास स्वामी के एकनिष्ठ भक्त थे । यह देख अन्य शिष्यों को लगा, ‘‘शिवाजी के राजा होने से ही समर्थ उनसे अधिक प्रेम करते हैं !’’ समर्थ रामदासस्वामी ने यह भ्रम त्वरित दूर करने का संकल्प लिया । Read more »

स्वामी विवेकानंदजी की अपने गुरु के प्रति नि:स्वार्थ भक्ति दर्शानेवाली प्रेरक कथा !

स्वामी विवेकानंदजी ने देवी जगदंबामाता के पास केवल ‘ज्ञान, भक्ति एवं वैराग्य’ की मांग की थी । यह क्यूं किया, इसका स्पष्टीकरण देते हुए स्वामी विवेकानंदजी कहते हैं, Read more »

शिष्य की परीक्षा

रामानुजाचार्य शठकोपस्वामीजीके शिष्य थे । स्वामीजीने रामानुजजीको ईश्वरप्राप्तिका रहस्य बताया था । परंतु उसे किसीको न बतानेका निर्देश दिया था; किंतु रामानुजजीने अपने गुरुकी इस आज्ञाको नहीं माना.. Read more »

श्रीगुरु की आज्ञापालन हेतु स्वयं को झोंक देनेवाला शिष्य आरुणी !

प्राचीन समय में धौम्य नामक मुनि का एक आश्रम था । उस आश्रम में उनके अनेक शिष्य विद्याभ्यास के लिए रहते थे । उनमें आरुणी नामक एक शिष्य था । एक समय धुंआधार वर्षा होने लगी । Read more »

शिवाजी महाराज की गुरुभेंट

समर्थ रामदास स्वामीजी की ख्याति सुननेपर छ.शिवाजी महाराज को उनके दर्शन की लालसा निर्माण हुई । उनसे मिलने के लिए वे कोंढवळ को गए । वहां भेट होगी इस आशा से सायंकालतक रुके, तब भी महाराज की स्वामीजी से भेंट नहीं हुई । Read more »