किशोरावस्था से ही राष्ट्राभिमानी वृत्ति के नेताजी सुभाषचंद्र बोस !

एक बार शरद ऋतु में मूसलाधार वर्षा हो रही थी । आधी रात में मां प्रभावतीदेवी की नींद खुली, तो उन्हें सुभाष की चिंता होने लगी । Read more »

स्वामी विवेकानंदजी की अपने गुरु के प्रति नि:स्वार्थ भक्ति दर्शानेवाली प्रेरक कथा !

स्वामी विवेकानंदजी ने देवी जगदंबामाता के पास केवल ‘ज्ञान, भक्ति एवं वैराग्य’ की मांग की थी । यह क्यूं किया, इसका स्पष्टीकरण देते हुए स्वामी विवेकानंदजी कहते हैं, Read more »

शिष्य की परीक्षा

रामानुजाचार्य शठकोपस्वामीजीके शिष्य थे । स्वामीजीने रामानुजजीको ईश्वरप्राप्तिका रहस्य बताया था । परंतु उसे किसीको न बतानेका निर्देश दिया था; किंतु रामानुजजीने अपने गुरुकी इस आज्ञाको नहीं माना.. Read more »

स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज

आबाजी सोनदेव ने आगे बढकर शिवाजी महाराज को अभिवादन किया और सील-बंद कोशका संदूक प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘‘आपके आशीर्वाद से हमने बीजापुर का यह कोश अपने अधिकार में ले लिया है । Read more »

विश्व को सुधारना असंभव होने के कारण स्वयं को सुधारना आवश्यक !

बहुत पहले एक राजाकी पुत्री के पांव में कांटा चुभा । साधारणतः राजाएं कुछ प्रमाण में सनकी होते हैं । Read more »

संतद्वारा जिज्ञासु को उसकी क्षमतानुसार साधना बताना

एक साधु के पास एक जिज्ञासु युवक आया और उसने साधु से पूछा, ‘‘क्या मुक्ति प्राप्त करने के लिए वन में जाना चाहिए ?’’ Read more »

एकता का सामर्थ्य

एक स्थानपर धार्मिक कार्यक्रम था । कार्यक्रम समाप्त होनेपर पुरूषमंडली बाहर निकली । महिलाएं भी बाहर निकल रहीं थी । उसी समय दो गोरे आरक्षक मद्य पीकर महिलाओंके व्दार के सामने आकर खडे हो गए । Read more »

अंतिम क्षण तक साथ देनेवाला महाराणा प्रताप का स्वामीनिष्ठ घोडा चेतक !

बालमित्रों, भारत के इतिहास में राजा महाराणा प्रताप का नाम अमर है । महाराणा प्रताप राजस्थान के शूरवीर एवं स्वाभिमानी राजा थे । Read more »

लाल बहादुर शास्त्री

अपने गरीब माता-पितापर बोझ न बनकर उनके पैसे बचाने के लिए प्रतिदिन गंगा नदी तैरकर पाठशाला में जानेवाला असामान्य साहसी बालक लाल बहादुर शास्त्री ! Read more »