सूचनासत्र का स्‍वरूप कैसे होना चाहिए ?

अपने स्‍वभावदोष दूर करने के लिए एक बार में ३ स्‍वसूचना देनी होती हैं । इस प्रक्रिया को ‘सूचनासत्र’ कहते हैं । स्‍वसूचना एकाग्रता से एवं परिणामकारक ढंग से दे पाना, यह एक प्रकार से अभ्‍यास ही है । सूचनासत्र का स्‍वरूप इस लेख में स्‍पष्‍ट किया है । Read more »

विद्यार्थियों, आदर्श व्यक्तित्व हेतु स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया कार्यान्वित करें !

हमारे अंतर्मन में सभी तरह के अनुभव, भावना, विचार, इच्छा, आकांक्षा आदि सब कुछ संग्रहित रहता है । फिर भी उसकी कल्पना बाह्यमन को तनिक भी नहीं रहती; क्योंकि अंतर्मन एवं बाह्यमन दोना में एक तरह का पर्दा रहता है । Read more »